एनएसआई में प्लेसमेंट के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए हैं। इस बार छात्रों ने अगस्त में विभिन्न कोर्सों में दाखिला लिया और सितंबर में तीन लाख रुपये की नौकरी का ऑफर मिल गया। संस्थान में संचालित विभिन्न डिप्ल

एनएसआई में प्लेसमेंट के सभी रिकॉर्ड ध्वस्त हो गए हैं। इस बार छात्रों ने अगस्त में विभिन्न कोर्सों में दाखिला लिया और सितंबर में तीन लाख रुपये की नौकरी का ऑफर मिल गया। संस्थान में संचालित विभिन्न डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स में 63 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया था। कुछ चैप्टर ही पढ़े थे कि प्लेसमेंट को आईं कंपनियों ने 44 को आकर्षक पैकेज की जॉब दे दी। अहम बात है कि कैंपस प्लेसमेंट के पहले चरण में पहली बार 70 फीसदी छात्रों को जॉब मिल गई,जबकि पिछले वर्षों में तीन चरणों के बाद भी 80का कैंपस प्लेसमेंट हो पाता था।

एनएसआई के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि कैंपस प्लेसमेंट में 200 छात्र पंजीकरण हैं,जिसमें 144 को नौकरी मिल गई। अल्कोहल टेक्नोलॉजी के 39 छात्रों को जॉब मिल गई है। आठ से 25 सितंबर के बीच चले प्लेसमेंट ड्राइव के पहले चरण में आईं 12 कंपनियों ने शुगर टेक्नोलॉजी, शुगर इंजीनियरिंग, अल्कोहल टेक्नोलॉजी, गुणवत्ता नियंत्रण, शुगर बॉयलिंग व पर्यावरण विज्ञान के 144 छात्रों का चयन कर लिया। तीन छात्रों को छह लाख का पैकेज मिला है। परास्नातक पाठ्यक्रम के छात्रों को पांच से छह लाख और डिप्लोमा सर्टिफिकेट कोर्स के छात्रों ने दो से तीन लाख का पैकेज पाया है। प्रो. डी स्वेन ने बताया कि प्लेसमेंट का दूसरा चरण 27 सितंबर से 15 अक्तूबर के बीच चलेगा, जिसमें त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्री,द्वारिकेश शुगर लि. समेत आठ कंपनियां प्लेसमेंट को आ रहीं। छात्रों का चयन प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में हुआ है। सह प्लेसमेंट ऑफिसर संजय चौहान आदि रहे।

प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि संस्थान में चार माह के कई शॉर्ट टर्म कोर्स चल रहे हैं। जिनके छात्रों को दो लाख रुपये तक की नौकरी मिली है। पिछले तीन-चार वर्षों में इथेनॉल इकाई और शर्करा उद्योग तेजी से ग्रोथ कर रहा है। नतीजा, छात्रों को बेहतर रोजगार मिल रहा है। कई कंपनियां विभिन्न कोर्सों में सीटें बढ़ाने का भी दबाव बना रही हैं।

मांग में वृद्धि तो बढ़ा दीं सीटें

अल्कोहल टेक्नोलॉजी, शुगर इंजीनियरिंग और क्वालिटी कंट्रोल के विशेषज्ञों की मांग लगातार बढ़ रही है। इंडस्ट्री की मांग के मुताबिक छात्रों की संख्या कम पड़ रही है जिसे देखते हुए मंत्रालय के निर्देशानुसार इस सत्र से सीटों में इजाफा किया गया है।

इस वर्ष चीनी और इथेनॉल का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। इथेनॉल का लक्ष्य भी पूरा हुआ है। इस साल 158 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जिसमें 112 लाख टन निर्यात करने की तैयारी है। वहीं, पेट्रोल में इथेनॉल ब्लडिंग के 10 लक्ष्य को भी पूरा करने की तैयारी है। 435 से 450 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पादन होगा। इसमें 40 से 50 करोड़ ली. इथेनॉल अनाज से व बाकी चीनी से तैयार होगा।

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