छत्तीसगढ़ में अब आदिवासी अपनी मांगों को लेकर पदयात्रा कर रहे हैं। बस्तर और सरगुजा से दो अलग-अलग दल राजधानी रायपुर पहुंच रहे हैं आदिवासियों का समूह महिलाओं और बच्चों के साथ करीब 300 किलोमीटर पैदल चलकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री से गुहार लगाने रायपुर आ रहे हैं।
हसदेव बचाओ पदयात्रा आज दिनांक 12 अक्टूबर 2021 को दामाखेड़ा जिला बालोदा बाजार से निकल कर रायपुर जिले के ग्राम चरौदा पहुँची, रास्ते मे सिमगा में भूमिया, लखना के ग्रामीणों एवं पंचायत प्रतिनिधियों ने यात्रियों का स्वागत कर अपनी एकजुटता प्रदर्शित की।भूमिया में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए सरपंच आशीष जी कहा कि हमारा गांव भी स्पॉन्ज आयरन प्लांट की स्थापना के खिलाफ आंदोलनरत रहा और सफलता भी पाई ।आज कम से कम हम साफ सुथरे वातावरण में श्वास तो ले पा रहे हैं।
सभा संबोधित करते हुए हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक मंडल सदस्य उमेश्वर सिंह अर्मो, रामलाल करियाम ने कहा कि हम राजधानी न्याय की उम्मीद में आए है। आदेश देकर कंपनी के पक्ष में जारी की गई वन स्वीकृति को निरस्त किया जाए। बिना ग्रामसभा सहमति के 5 कोल ब्लॉक परसा, केंते एक्सटेंसन, पतुरिया, गिड़मूड़ी एवं मदनपुर साउथ के लिए कोल बेयरींग एक्ट 1957 के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को अविलंब निरस्त किया जाए।
यात्रियों ने आज पुनः एक स्वर में नारा लागकर राहुल जी को अपना वादा पूरा करने की अपील की और कहा कि हसदेव अरण्य क्षेत्र को खनन से मुक्त करने रखने की कांग्रेस सरकार घोषणा करे।