कभी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हार्दिक पटेल बीजेपी में जाने की तैयारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि वो चार मुद्दे लेकर चल रहे हैं। कांग्रेस में रहते हुए उन्हें अपने मुद्दों के परवान चढ़ने की संभावना बहुत कम थी। इसी वजह से उन्होंने कांग्रेस से किनारा किया। उनका कहना है कि ये चार मुद्दे सत्ता के साथ फिट बैठते हैं। 10 दिनों के भीतर वो कोई फैसला ले लेंगे।
जिग्नेश मेवाणी के इस आरोप पर कि उन्होंने विचारधारा से समझौता कर लिया, उनका कहना था कि विचारधारा क्या है। ये केवल जनहित है। उनका सवाल था कि कांग्रेस गुजरात के लोगों के लिए क्या कर रही है। बीते 30 साल से जनता ने कांग्रेस को गुजरात की सत्ता में नहीं बिठाया। हां हमने विचारधारा बदली क्योंकि जनहित के लिए ये जरूरी है।
आजतक की संवाददाता ने उनसे सवाल किया गया कि उनके मुद्दे देखकर लग रहा है कि वो अब बीजेपी के करीब जा रहे हैं। हार्दिक का कहना था कि जनता लगातार बीजेपी को पसंद कर रही है। उनके मुद्दे सत्ता से ही हल हो सकते हैं तो लोगों के हित के लिए बीजेपी के पास जाने में क्या दिक्कत है। दरअसल, हार्दिक ने अपने चार मुद्दों को लेकर बताया कि वो राष्ट्रहित, प्रदेश हित, जनहित और समाज हित पर काम करने की योजना बना रहे हैं। कांग्रेस इसमें फिट नहीं बैठ रही।
गुजरात विधानसभा चुनाव इस साल के आखिर में होने वाले हैं। लेकिन 6 महीने पहले ही वहां उटा पटक शुरू हो गई है। पाटीदार आंदोलन से निकले नेता हार्दिक पटेल ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। हार्दिक गुजरात कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष थे। उनके यूं पार्टी छोड़ने पर लोगों को ज्यादा हैरत नहीं हुई, क्योंकि वो लंबे अर्से से इसका इशारा दे रहे थे।
हार्दिक पटेल का कहना है कि उनके साथ जो कुछ हुआ उसके बारे में रोजाना वो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को मैसेज करते थे। लेकिन गांधी परिवार ने कभी उनकी बात नहीं सुनी। उनका कहना था कि वो सूबे के हित के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उनके लिए जनहित ही सबसे बड़ा मुद्दा है। हालांकि जानकारों का कहना है कि हार्दिक की राह बीजेपी में उतनी आसान नहीं होने वाली। वहां उनका विरोध भी तेज हो रहा है।