पटेल ने कहा, ‘गुजरात में केवल हार्दिक ही नहीं है, जिसे कांग्रेस से नाराजगी है। गुजरात में कई नेता हैं, जो कांग्रेस का इस्तेमाल करते हैं। गुजरात में साल के अंत में चुनाव हो सकते हैं।

कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह चुके गुजरात के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने साफ कर दिया है कि वह भारतीय जनता पार्टी में नहीं जा रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर भी बगैर नाम लिए निशाना साधा। साथ ही कहा कि पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सामने परेशानियां रखने के बाद भी उन्हें नजरअंदाज किया गया। पाटीदार नेता ने बुधवार को ट्वीट के जरिए पार्टी की सदस्यता छोड़ने का ऐलान कर लिया था। वह लंबे समय से कांग्रेस से नाराज चल रहे थे।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पटेल ने कहा, ‘पार्टी के अंदर ये चर्चाएं हैं कि लोग जब बोर हो जाएंगे तब कांग्रेस को वोट देंगे। मैंने राहुल और प्रियंका गांधी से बात की है और गुजरात की परेशानियों के बारे में बताया। उन्होंने मुझसे पूछा और मैंने उन्हें बताया। तब ही मैं नजरंदाज हुआ। मैंने दुख के बजाए हिम्मत के साथ पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया था। पटेल का इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।’

पत्रकारों से बातचीत के दौरान पटेल ने पार्टी के काम करने के तरीके और नेताओं पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘7-8 लोग 33 साल से कांग्रेस को चला रहे हैं। मेरे जैसे कार्यकर्ता हर रोज 500-600 किमी की यात्रा करते हैं। अगर मैं लोगों के बीच जाता हूं और उनके हालात जानने की कोशिश करता हूं, तो यहां बड़े नेता एसी कमरों में बैठकर मेरे प्रयासों में बाधा डालने की कोशिश करते हैं।’

पटेल ने दावा किया है कि गुजरात में कांग्रेस से कई नेता नाराज चल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘गुजरात में केलल हार्दिक ही नहीं है, जिसे कांग्रेस से नाराजगी है। गुजरात में कई नेता हैं, जो कांग्रेस का इस्तेमाल करते हैं। सत्ता में बैठना और पार्टी की तारीफ करने का मतलब यह नहीं है कि पार्टी उन्हें मुख्यमंत्री बना देगी।’ राज्य में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं।

उन्होंने आगे कहा, ‘गुजरात में चाहे पाटीदार समुदाय हो या कोई अन्य समुदाय, उन्हें कांग्रेस में भुगतना ही पड़ता है।’ पटेल ने पार्टी के बडे़ नेताओं पर अपमान करने के भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस में सच बोलो और बड़े नेता आपकी छवि खराब करेंगे और यह उनकी रणनीति है।’

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