ऐसा रहा MVA का प्रदर्शन
विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) ने लोकसभा चुनाव के नतीजों में सत्तारूढ़ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को करारा झटका देते हुए 48 में से 29 सीटें जीत लीं. महाविकास अघाड़ी ने 30 सीटों पर कब्जा जमाया है. उद्धव ठाकरे की गुट की शिवसेना (UBT) को 9 सीटें मिली. शरद पवार की NCP 8 सीटें जीतने में कामयाब रही.
महायुति को लगा झटका
दूसरी ओर, BJP की अगुवाई वाले महायुति को इस चुनाव में बड़ा झटका लगा. BJP के नेतृत्व वाले गठबंधन को सिर्फ 17 सीटें मिलीं. महाराष्ट्र में सीटों की संख्या में इस गिरावट ने BJP को आधे से कम सीटों पर समेट दिया. BJP को सिर्फ 9 सीटें मिली. शिंदे शिवसेना को 7 सीटें मिली हैं. वहीं, अजित पवार गुट की NCP महज 1 सीट हासिल कर पाई.
उद्धव ठाकरे को मिली सहानुभूति का अघाड़ी को भी हुआ फायदा
उद्धव ठाकरे ने जिस तरह से सरकार गंवाई. सीएम पद खोया. अपने पिता की विरासत खो दिया… उसे वोटर्स में एक सिंपैथी क्रिएट हुई. उद्धव के प्रति तैयार हुई इस सिंपैथी का फायदा महाविकास आघाडी के दूसरे दलों यानी कांग्रेस और शरद पवार गुट को भी मिला.
उद्धव ठाकरे ने कैसे किया फाइट बैक?
चुनाव प्रचार में उद्धव ठाकरे तय रणनीति पर काम करते रहे. उन्होंने बेटे आदित्य ठाकरे के साथ एक तरफ मोर्चा संभाला. दूसरी ओर, पत्नी रश्मि ठाकरे और दूसरे बेटे जनता से संवाद करते रहे. दो तरफा कोशिशों से उद्धव गुट रिवाइव होने लगा. कैडरों में जोश भर गया. गौर करने वाली बात ये है कि हाल के दिनों में उद्धव ठाकरे ने अपनी इमेज एक कट्टर नहीं, बल्कि सॉफ्ट हिंदुत्ववादी की तरह पेश की. जाहिर तौर पर जनता को उनका ये बदलाव अच्छा लगा.
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के रिवाइव होने के पीछे काफी हद तक एंटी इंकमबेंसी का भी हाथ रहा. नासिक, कोल्हापुर, हथकंगले और जलगांव समेत ऐसी कई सीटें थीं, जहां पर BJP 10 साल की एंटी इनकमबेंसी थी. BJP इसे संभाल नहीं पाई. उद्धव ठाकरे ने आखिरकार साबित कर दिया कि चुनाव आयोग का जो भी फैसला हो, लेकिन जनता समझती है कि असली शिवसेना कौन है.