गुजरात का मोढेरा सूर्य मंदिर के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। चालुक्य वंश के राजा भीम प्रथम ने 1026-27 में यहां सूर्य मंदिर बनवाया था। अब इस गांव के खाते में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई।

गुजरात का मोढेरा सूर्य मंदिर के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। चालुक्य वंश के राजा भीम प्रथम ने 1026-27 में यहां सूर्य मंदिर बनवाया था। अब इसके खाते में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। अब मोढेरा देश का पहला ऐसा गांव बन चुका है, जो पूरी तरह से सौर ऊर्जा से चलेगा। आज शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाकायदा इसका ऐलान भी कर दिया। इसके साथ ही पीएम मोदी गांव में 3900 करोड़ रुपए की परियोजनाओं की नींव भी डाली।

मेहसाणा से 25 किमी दूर
मोढेरा गांव गुजरात के मेहसाणा गांव से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहीं, राजधानी गांधीनगर से इसकी दूरी करीब 100 किमी है। पुष्पावती नदी के किनारे बसे इस गांव का भौगोलिक इलाका करीब 2,436 हेक्टेयर है। यह सौर ऊर्जा से चलने वाला देश का पहला गांव बन गया। गांव में ग्राउंड-माउंटेड सोलर पॉवर प्लांट बनाया गया है। साथ ही 1 किलोवॉट के 1300 से ज्यादा रूफटॉप सोलर सिस्टम लोगों की छतों पर लगाए गए हैं। इनसे इन घरों में बिजली की जरूरत पूरी होगी। यह सभी सोलर सिस्टम बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम से जुड़े हुए हैं। इस प्रोजेक्ट को नाम दिया गया है, ‘सोलराइजेशन ऑफ मोढेरा सन टेम्पल एंड टाउन’।

दिन और रात के लिए अलग इंतजाम
दिन के समय में सोलर पैलर से गांव की ऊर्जा जरूरत पूरी होगी है। वहीं शाम के समय बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम से ऊर्जा आपूर्ति की जाएगी। यह भारत का पहला ग्रिड कनेक्टेड मेगावॉट ऑवर स्केल बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम घरों को बिजली सप्लाई देगा।  इस गांव के लिए सोलर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में राज्य और केंद्र सरकार दोनों का योगदान है। राज्य और केंद्र दोनों सरकारों ने मिलकर 80 करोड़ से ज्यादा का निवेश किया है। पूरा प्रोजेक्ट दो चरणों में डेवलप किया गया है। राज्य सरकार ने इसके लिए 12 हेक्टेयर की जमीन एलॉट की थी।

बिजली बिल में जबर्दस्त कमी
गुजरात सरकार ने कहा था कि वह मोढेरा में सोलर प्रोजेक्ट को डेवलप करेंगे। वह इस गांव को रिन्यूवेबल एनर्जी डेवलप करने वाला भारत का पहला गांव बनाना चाहते हैं। इसके जरिए वह दिखाना चाहते हैं कि रिन्यूवेबल एनर्जी के इस्तेमाल से ग्रासरूट लेवल पर लोगों को कैसे एम्पॉवर किया जा सकता है। इस कदम के बाद मोढेरा गांव के लोग अपने बिजली के बिल पर 60 से लेकर 100 फीसदी तक की बचत कर रहे हैं। गांव के जयदीप भाई पटेल ने बताया कि पहले उनका बिजली का बिल 2000 रुपए तक आता था। अब वह केवल 300 रुपए बिल दे रहे हैं।

पीएम के लिए इसलिए है खास
यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी बेहद खास है। पीएम मोदी का संकल्प है कि 2030 तक अक्षत ऊर्जा के जरिए भारत की 50 फीसदी ऊर्जा जरूरतें पूरी होने लगें। प्रधानमंत्री के इस संकल्प को पूरा करने की दिशा में यह प्रोजेक्ट एक बड़ा कदम है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी यह बात कही। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि गुजरात ने एक बार फिर से स्वच्छ व हरित ऊर्जा पैदा करने के प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

क्या है सूर्य मंदिर की कहानी
सूर्य मंदिर का ताल्लुक चालुक्य वंश से है। 1026-27 में इस मंदिर को चालुक्य वंश के राजा भीम प्रथम ने बनवाया था। इस मंदिर को पहाड़ी पर कुछ इस ढंग से बनाया गया है कि सूरज उगने से लेकर डूबने तक सूर्य की किरणें मंदिर पर पड़ती हैं। मंदिर की दीवारों पर खूबसूरत नक्काशी की गई है और इसके जरिए पौराणिक कथाओं को दिखाया गया है। मंदिर के तीन हिस्से, सूर्य कुंड, सभा मंडप और गूढ़ मंडप हैं। कुंड में जाने के लिए सीढ़ियां बनाई गईं हैं। कुंड का नाम रामकुंड है। यह मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखरेख में है और यहां पूजा करना मना है।

टूरिस्ट को भी लुभाने का इंतजाम
ऐसा नहीं है कि सौर ऊर्जा से सिर्फ स्थानीय गांव को ही लाभ मिलेगा, बल्कि मोढेरा को टूरिज्म प्लेस बनाने की भी योजना है। इसके लिए मोढेरा सूर्य मंदिर में सौर ऊर्जा से संचालित 3-डी प्रोजेक्शन किया जाएगा। इससे यहां आने वाले टूरिस्ट्स को मोढेरा के इतिहास की जानकारी मिलेगी। यहां आने वाले टूरिस्ट हर रोज शाम को 6 बजे से रात 10 बजे तक इसका लुत्फ उठा सकेंगे।

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