Gujarat Assembly Election : दक्षिण गुजरात का सूरत एक बहुत बडा केंद्र है जहां प्रथम चरण में 1 दिसंबर को मतदान होने वाले हैं.  दक्षिणी गुजरात में बहुत सारे ऐसे जिले आते हैं जो कि बड़े महत्वपूर्ण हैं.

सूरत: 

दक्षिण गुजरात का सूरत एक बहुत बडा केंद्र है जहां प्रथम चरण में 1 दिसंबर को मतदान होने वाले हैं. दक्षिणी गुजरात में बहुत सारे ऐसे जिले आते हैं जो कि बड़े महत्वपूर्ण हैं. अगर आप डांग की बात करें या सूरत की बात करें या फिर  नवसारी, वलसाड ये सब वो जिला है जहां पर भारतीय जनता पार्टी ने 2017 में पूरे राज्य में खराब प्रदर्शन के बावजूद इस क्षेत्र में जीत दर्ज की थी. लेकिन बीजेपी के वोट शेयर में गिरावट देखने को मिली थी. सूर में बीजेपी को शानदार सफलता मिली थी. इस क्षेत्र के 90 प्रतिशत सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी. हालांकि सूरत में म्यूनिसिपलिटी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया था. इस वजह से आम आदमी पार्टी को भी इस क्षेत्र में उम्मीद दिख रही है. ऐसे में सवाल यह है कि सूरत के दिल में क्या है?  सूरत की जनता क्या फैसला लेगी?

चुनाव को लेकर बीजेपी का कहना है कि हम यहां अच्छा परफॉर्म करेंगे. व्यापारी वर्ग में बीजेपी की अच्छी पकड़ मानी जाती है. लेकिन इस क्षेत्र के ही प्रवासी वर्कर इस बात से नाराज हैं कि व्यापारी वर्ग उनपर दबाव बनाते हैं कि वो इस पार्टी को वोट दें. ऐसे में आम आदमी पार्टी का क्या असर होता है यह देखने वाला है. सूरत शहर व्यापार और राजनीति दोनों के लिए ही महत्वपूर्ण माना जाता है.

जातिगत समीकरण की अगर बात करें तो सूरत में भारी संख्या में पाटीदार समुदाय के मतदाता हैं. पिछले चुनाव से पहले यहां जोरदार आंदोलन देखने को मिला था लेकिन उस आंदोलन ने नेता हार्दिक पटेल इस बार बीजेपी के साथ हैं. वहीं दूसरे नेता गोपाल इटालिया इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ हैं. इस क्षेत्र में बीजेपी का पलड़ा हमेशा से भारी रहा है हालांकि डांग इलाके के आदिवासी क्षेत्रों पर कांग्रेस की पकड़ रही है.आम आदमी पार्टी की नजर पाटीदार वोटर पर है. कई नेताओं को अपने साथ लाकर पार्टी लगातार मेहनत कर रही है.

 

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