अहमदाबाद: सूरत के ​प्रिंसिपल एंड डि​स्ट्रिक्ट सेशन कोर्ट ने गुरुवार को 20 वर्षीय फेनिल गोयानी को अपनी स्कूल की दोस्त 21 वर्षीय ग्रीष्मा वेकारिया की हत्या करने के मामले में मौत की सजा सुनाई. इस साल 12 फरवरी को गोयानी ने सूरत के कामरेज की रहने वाली ग्रीष्मा की उसके परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों के सामने गला रेत कर हत्या कर दी थी. ग्रीष्मा का कसूर इतना था कि उसने फेनिल के साथ रिलेशनशिप में जाने से इनकार कर दिया था. अपने 506 पन्नों के फैसले में ​प्रिंसिपल एंड डि​स्ट्रिक्ट सेशन कोर्ट के जज वीके व्यास ने मामले को ‘दुर्लभ से दुर्लभ’ के रूप में वर्गीकृत करते हुए दोषी को मौत की सजा सुनाई.

साल 2012 में दिल्ली के निर्भया गैंगरेप केस और मनुस्मृति के एक श्लोक का हवाला देते हुए जज ने फेनिल गोयानी की तुलना पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब से की. जज ने कहा कि ग्रीष्मा वेकारिया की हत्या करने में फेनिल ने उसी क्रूरता और पछतावे की कमी का परिचय दिया, जैसा 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब ने दिया था. उन्होंने कहा कि अपने 28 साल के करियर में मैंने कभी इस तरह के किसी मामले का सामना नहीं किया, ग्रीष्मा की किस्मत ‘निर्भया’ जैसी थी.

मनुस्मृति का श्लोक सुनाकर जज ने दोषी फेनिल को दी फांसी की सजा
मनुस्मृति का श्लोक ‘यात्रा श्याम: लोहिताक्ष: डंडा: चरती पापहा प्रजा: तत्र न मुहंती नेता चेत साधु पश्यति’ सुनाकर जज वीके व्यास ने कहा, ‘सजा अपराध की गंभीरता के अनुरूप होनी चाहिए. चाकू से ग्रीष्मा वेकारिया का गला काटते समय दोषी ने कोई दया नहीं दिखाई.’ अदालत ने फेनिल गोयानी पर 12,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया. साथ ही ग्रीष्मा वेकारिया के छोटे भाई और चाचा को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया, जो वारदात के दौरान बीच बचाव में घायल हो गए थे. फेनिल द्वारा ग्रीष्मा का गला काटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला सनसनीखेज हो गया था.

ग्रीष्मा हत्याकांड में पुलिस ने अदालत को सौंपे थे 190 गवाहों के बयान
ग्रीष्मा और उसके परिवार द्वारा दया की गुहार लगाने पर भी फेनिल गोयानी नहीं रुका और सबके सामने लड़की का चाकू से गला रेतकर उसे मार डाला. अभियोजन पक्ष ने अदालत से इस मामले को दुर्लभतम से दुर्लभतम मानने और दोषी को मौत की सजा देने का अनुरोध किया था. पुलिस ने 2500 पन्नों के आरोपपत्र के साथ 190 गवाहों के बयान भी अदालत को सौंपे थे, जिनमें से 27 प्रत्यक्षदर्शी थे. पुलिस ने 188 दस्तावेजी साक्ष्य और 65 केस लेख भी अदालत में प्रस्तुत किए.

न्याय किया गया है, दोषी को जल्द से जल्द फांसी हो: नंदलाल वेकारिया
ग्रीष्मा के पिता नंदलाल वेकारिया ने सजा की घोषणा के बाद मीडियाकर्मियों से कहा, ‘समाज में एक मजबूत संदेश भेजने के लिए ऐसी सजा की जरूरत है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. न्याय किया गया है और दोषी को जल्द से जल्द फांसी दी जानी चाहिए.’ आपको बता दें कि दोषी अपने साथ संबंध बनाए रखने के लिए मनाने की कोशिश में कई हफ्तों से ग्रीष्मा का पीछा कर रहा था. अदालत ने फेनिल गोयानी को हत्या, हत्या के प्रयास और अन्य आरोपों में 21 अप्रैल को दोषी ठहराया था, लेकिन फैसला सुरक्षित रख लिया था. अंतत: 5 मई को अदालत ने दोषी को मामले में मौत की सजा सुनाई.

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