खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा के मुताबिक, प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लिए देश में अनाज का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है. इसके लिए हर महीने 40 लाख टन अनाज की ज़रुरत पड़ती है, जो फिलहाल उपलब्ध है.
नई दिल्ली:
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर बड़ा अपडेट दिया है. उन्होंने कहा इस योजना के लिए देश में अनाज का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है. इसके लिए हर महीने 40 लाख टन अनाज की जरूरत पड़ती है, जो फिलहाल उपलब्ध है. संजीव चोपड़ा के मुताबिक, इस योजना की अवधी आगे बढ़ाई जाएगी या नहीं, इस पर सरकार आगे फैसला करेगी; क्योंकि ये योजना फिलहाल दिसंबर तक लागू रहेगी.
खाद्य मंत्रालय ने दावा किया है कि 13 मई 2022 से गेहूं के निर्यात को सीमित करने की वजह से पिछले 6 महीनों में गेहूं की खुदरा कीमतों में तेज़ी से हो रही बढ़ोतरी को रोकना संभव हुआ है. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बुधवार को कहा की मई, 2022 के मुकाबले अब तक गेहूं की खुदरा कीमतों में 7% बढ़ोतरी हुई है जबकि गेहूं की थोक कीमतों में करीब 10% तक की बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है.
एनडीटीवी ने सवाल किया कि कुछ किसान संगठन गेहूं के निर्यात पर सीमित रोक हटाने की मांग कर रहे हैं? इसपर खाद्य सचिव ने कहा-फिलहाल गेहूं के एक्सपोर्ट को सीमित करने का फैसला दिसंबर के अंत तक वैलिड है.
बता दें कि चालू खरीफ सीजन 2022-23 में धान की खरीफ फसल की खरीद शुरू हो गई है. 21 नवंबर तक लगभग 277.37 एलएमटी धान (चावल के संदर्भ में 185.93 एलएमटी) की खरीद की गई है, जो कि केएमएस 2021-22 में पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान हुई खरीद की तुलना में अधिक है. देश में इस साल बारिश की स्थिति काफी अच्छी रही है और धान का उत्पादन सामान्य रहने की उम्मीद है.
वर्तमान केएमएस 2022-23 की खरीफ फसल के लिए, 775.73 एलएमटी धान की मात्रा (चावल के मामले में 521 एलएमटी) की खरीद का अनुमान लगाया गया है. केएमएस 2022-23 के रबी धान का अनुमान फरवरी/मार्च 2023 में लगाया जाएगा.
बता दें कि इससे पहले ओरिगो कमोडिटीज ने वर्ष 2022-23 में कुल खरीफ उत्पादन 64.04 करोड़ टन होने का अनुमान लगाया था, जो वर्ष 2021-22 से 2 फीसदी कम है. 2021-.22 में कुल खरीफ उत्पादन 65.35 करोड़ टन था. खरीफ सीजन में कुल खाद्यान्न उत्पादन 7.30 फीसदी घटकर 14.46 करोड़ टन, तिलहन उत्पादन 2.57 फीसदी घटकर 2.32 करोड़ टन रहने का अनुमान है.
सबसे ज्यादा धान का उत्पादन 13.49 फीसदी गिरावट के साथ 9.67 करोड़ टन रह सकता है. इसके रकबे में 9 फीसदी कमी आई है. उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में बारिश कमजोर रहने की वजह से धान की फसल पर नकारात्मक असर पड़ा है. कृषि मंत्रालय के पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक भी धान का उत्पादन 6 फीसदी कम रह सकता है.