इमरजेंसी रिस्पॉन्स एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस पैकेज’ के तहत बच्चों के लिए 50 प्रतिशत से ज्यादा पिडियाट्रिक ऑक्सीजन बेड्स को 6 राज्यों में स्थापित किया जाएगा.
कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर तांडव मचाया था अब तीसरी लहर की भी आंशका जताई जा रही है और ये लहर खासतौर पर बच्चों के लिए घातक बताई जा रही है. ऐसे में कोरोना की थर्ड वेव से निपटने के लिए सरकारी भी पूरी तैयारी में जुटी हुई है. इसी कड़ी में ‘इमरजेंसी रिस्पॉन्स एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस पैकेज’ के तहत बच्चों के लिए 50 प्रतिशत से ज्यादा पिडियाट्रिक ऑक्सीजन बेड्स को 6 राज्यों में स्थापित किया जाएगा. शुक्रवार को स्वीकृत फाइनल प्लान के अनुसार इनमें ग्रामीण और उपनगरीय आबादी शामिल है.
गौरतलब है कि महामारी की दूसरी लहर के पीक के दौरान देश के ग्रामीण इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे.
6 राज्यों को 75 हजार बेड में से 60% दिए जाएंगे
पैकेज के फाइनल प्लान के तहत, छह राज्यों को 75 हजार 218 बिस्तरों में से 60 प्रतिशत मिलेगा, जो कि ग्रामीण स्तर तक त्रिस्तरीय स्वास्थ्य प्रणालियों को बढ़ाने के लिए स्थापित किए जाएंगे. ये छह राज्य -उत्तर प्रदेश (11,770), बिहार (9,920), आंध्र प्रदेश (9,596), ओडिशा (8,206), असम (7,320), और झारखंड (5,798) हैं.
हेल्थ मिनिस्ट्री ने 19,030 पीडियाट्रिक ऑक्सीजन बेड को दी मंजूरी
काफी समय से ये आशंका जाहिर की जा रही है कि कोविड -19 की संभावित तीसरी लहर में सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो सकते हैं. शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्यों के परामर्श से जिला स्तर पर बाल चिकित्सा देखभाल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के उद्देश्य से 19,030 पीडियाट्रिक ऑक्सीजन बेड और 10,428 पीडियाट्रिक आईसीयू बेड के निर्माण को मंजूरी दी.
पिडियाट्रिक बेड और ICU के लिए इन राज्यों को मिलेगा फंड
फाइनल प्लान के डाटा से पता चलता है कि छह राज्यों को 1000 से ज्यादा पिडियाट्रिक ऑक्सीजन बेड स्थापित करने के लिए फंड दिया जाएगा.इनमें यूपी (3,270), मध्य प्रदेश (1,900), महाराष्ट्र (1,500), झारखंड (1,080), बिहार (1,060), और छत्तीसगढ़ (1,020)
वहीं योजना के अनुसार, स्थापित किए जाने वाले 10 हजार 428 पिडियाट्रिक आईसीयू में से आठ राज्यों को 450 से अधिक बिस्तरों की स्थापना के लिए फंड दिया जाएगा. इन राज्यों में एमपी (1,704), यूपी (1,476), महाराष्ट्र (684), तमिलनाडु (516), राजस्थान (492), झारखंड (468), और बिहार (456) शामिल हैं.
केंद्र ने 23 हजार से ज्यादा ICU बेड के निर्माण की योजना को मंजूरी दी
वहीं सरकारी सूत्रों के अनुसार फाइनल प्लान दूसरी लहर में राज्यों के अनुभव के आधार पर तैयार किया गया है. जिसमें ऑक्सीजन बेड की भारी मांग देखी गई थी. गौरतलब है कि बेड की उपलब्धता से संबंधित सेकेंड वेव के अनुभव पर राज्यों से मिले इनपुट के आधार पर केंद्र ने 23,056 आईसीयू बेड के निर्माण की योजना को मंजूरी दी है. योजना के तहत, सात राज्यों में 1 हजार से ज्यादा बेड स्थापित किए जाएंगे. इन राज्यों में यूपी (4,007), कर्नाटक (3,021), महाराष्ट्र (2,970), पश्चिम बंगाल (1,874), तमिलनाडु (1,583), एमपी (1,138), और आंध्र प्रदेश (1,120) शामिल हैं.
राज्यों को तैयारियों के लिए 15% फंड एडवांस में दिया जा चुका है
बता दें कि 22 जुलाई को ‘इमरजेंसी रिस्पॉन्स एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेस पैकेज’ को लागू करने के तहत प्रारंभिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए राज्यों को 15 प्रतिशत एडवांस के तौर पर 1827.80 करोड़ रुपये जारी किए गए थे. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि शुक्रवार को अंतिम योजना को मंजूरी मिलने के बाद और 35 प्रतिशत धनराशि जारी की गई है.
5,749 लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस भी मिलेंगी
इसके साथ ही अंतिम योजना के तहत 5,749 लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस जोड़ी जाएंगी. टेस्ट सुविधाओं को और बढ़ाने के लिए 433 आरटी पीसीआर लैब का निर्माण किया जाएगा. इतना ही नहीं अंतिम योजना के तहत, चार राज्यों को 30 से ज्यादा नई आरटी पीसीआर लैब मिलेंगी. इन राज्यों में गुजरात (66), मध्य प्रदेश (46), बिहार (38), और उत्तर प्रदेश (30) शामिल हैं.
वहीं अंतिम योजना ने पहली बार टेलीमेडिसिन के लिए समर्थित हब को भी मंजूरी दी है. स्थापित किए जाने वाले 733 केंद्रों में से, राजस्थान (359), पश्चिम बंगाल (86), और बिहार (38) अधिकतम टेलीमेडिसिन केंद्र स्थापित करेंगे.