राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश व्यवसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य और कार्य-शर्त संहिता नियमावली 2022 मंगलवार को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही अब कर्मियों की नियुक्ति से पहले प्रत्येक फैक्ट्री या संस्थान को नियुक्त

प्रदेश में किसी भी अधिष्ठान या कारखाने में कर्मचारी की नियुक्ति के समय या काम शुरू करने से पहले नियोजक को उसे नियुक्ति पत्र अनिवार्य रूप से देना होगा। खतरनाक प्रकृति के उन कारखानों में अब सेफ्टी अफसर की तैनाती होगी, जहां 250 से अधिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। ऐसे कारखानों में सेफ्टी कमेटी भी गठित की जाएगी। नई नियमावली में कुछ शर्तों के साथ रात में भी महिलाओं से काम लिया जा सकेगा। वहीं सप्ताह में 48 घंटे से ज्यादा काम लेने पर अतिरिक्त घंटों का दोगुना भुगतान करना होगा।

यह तमाम बातें उस उत्तर प्रदेश व्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य और कार्य-शर्त संहिता नियमावली 2022 का हिस्सा हैं, जिसे राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी। नई नियमावली के तहत जो अधिष्ठान या कारखाने पहले से पंजीकृत न हों, उन्हें नियोजक पोर्टल पर आवेदन करना होगा। उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम-2011 में तय समय सीमा में यदि पंजीकरण नहीं हुआ तो अधिष्ठान को स्वत: पंजीकृत माना जाएगा। किसी भी कारखाने में 45 साल से अधिक आयु के लोगों का साल में एक बार स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा।

श्रम मंत्री की अध्यक्षता में होगा बोर्ड
श्रम एवं सेवायोजन मंत्री की अध्यक्षता में राज्य व्यावसायिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य सलाहकार बोर्ड का गठन किया जाएगा। जो कारखानों में स्वास्थ्य सुरक्षा कल्याण से संबंधित मामलों में सरकार को राय देगा। नई नियमावली के हिसाब से किसी कर्मचारी से एक दिन में 12 घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकेगा। नई संहिता के उपबंधों के उल्लंघन की स्थिति में पहली बार का अपराध शमन योग्य होगा। दूसरी बार अपराध होने पर शमन नहीं हो सकेगा।

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