रागी बीज बेचने से किसानों को हो रही अतिरिक्त आमदनी

 

देश-विदेश में कोदो-कुटकी एवं रागी के स्वास्थ्यगत लाभों एवं गुणकारी प्रयोगों को देखते हुए इनकी मांग बाजारों में बढ़ने लगी है। जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में मिलेट मिशन का शुभारंभ कर वर्ष 2023 तक छत्तीसगढ़ को देश के मिलेट हब के रूप विकसित करने लक्ष्य रखा गया है। मिलेट मिशन से वनांचल और आदिवासी क्षेत्र के किसानों को इनके प्रसंस्करण एवं वेल्यूएडिशन से किसानों, महिला समूहों और युवाओं को रोजगार भी प्राप्त हो रहा है तथा उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है। इसके लिये मुख्यमंत्री द्वारा विशेष पहल पर कोदो-कुटकी एवं रागी हेतु  समर्थन मूल्य पर उपार्जन की घोषणा करते हुए ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ में भी इन फसलों को शामिल कर इनके उत्पादन पर इनपुट सब्सिडी देने का भी प्रावधान किया गया। जिससे छत्तीसगढ़ देश में मिलेट को बढ़ावा देने वाला सर्वश्रेष्ठ उदयमान राज्य बन गया है।
कोण्डागांव जिले में रागी के उत्पादन को बढ़ावा देने एवं उन्नत किस्म के बीजों के उत्पादन हेतु शासन द्वारा एक्सटेंशन रिफॉर्म (आत्मा) योजनांतर्गत रागी प्रदर्शन तथा कतार एवं श्री विधि से रागी बीजोत्पादन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत शासन द्वारा किसानों को रागी उत्पादन के लिए आत्मा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, सब मिशन ऑन सीट एण्ड प्लांटिंग मटेरियल तथा सौर सुजला योजना के तहत आवश्यक सामग्री एवं उन्नत तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है। आत्मा योजना के अंतर्गत कृषकों को प्रशिक्षण, फसल प्रदर्शन एवं कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है। जिससे जिले के किसानों को उन्नत किस्मों के बीज भी प्राप्त हो रहे है।
इस योजना से लाभान्वित फरसगांव विकासखंड के ग्राम पर्रेबानगांव के प्रगतिशील किसान घड़वाराम बताते हैं कि वह इस वर्ष मक्का उत्पादन के लिए कृषि विभाग के पास गए थे परंतु विभाग के अधिकारियों ने आत्मा योजना के द्वारा रागी बीजोत्पदन के लिए उन्हे प्रोत्साहित किया गया। जिसमें विभाग के अधिकारियों द्वारा नियंत्रित सहयोग एवं मार्गदर्शन प्राप्त कर कतार विधि से रागी बीजोत्पादन का कार्य प्रारंभ किया गया। मेरे 2 एकड़ की कृषि भूमि पर 20 क्विंटल रागी बीज उत्पादन इस वर्ष हुआ है। जिससे मुझे 01 लाख 14 हजार रुपयों की आय प्राप्त हुई है। इससे पूर्व मेरे द्वारा अपनी कृषि भूमि पर मक्का उत्पादन किया जाता था। जिससे मुझे ज्यादा लाभ प्राप्त नहीं होता था। उन्होने बताया कि प्राप्त अतिरिक्त आय से अपने ट्रैक्टर की किस्त और अपने खेत में नलकूप खनन करवाया जिससे उन्हे अब पानी की समस्या नहीं रही। इससे प्राप्त से वे अत्यधिक उत्साहित हैं और आने वाले वर्ष में अपने अन्य 5 एकड़ भूमि में भी उन्नत तकनीक से रागी बीजोत्पादन के माध्यम से अधिक उत्पादन करना चाहते हैं जिससे उन्हें अधिक से अधिक आय हो सके।
इसी प्रकार फरसगांव विकासखंड के ग्राम पतोड़ा के प्रगतिशील किसान अभिमन्यु नाईक बताते हैं कि पहले वह अपने 01 एकड़ कृषि भूमि पर मक्का का उत्पादन करते थे। जिससे उन्हें 25 से 30 हजार रुपए तक ही आय हो पाती थी परंतु कृषि विभाग के विकासखण्ड तकनीकी समन्वयक टीकेश्वर नाग के मार्गदर्शन में वे वर्ष 2020-21 से आत्मा योजनांतर्गत रागी बीजोत्पादन कर रहे हैं। वर्ष 2021 में उन्होने 12 क्विंटल रागी बीज का उत्पादन से 62 हजार 700 रुपए एवं वर्ष 2022 में 14 क्विंटल रागी बीज का उत्पादन से 79 हजार 800 रुपये की आय प्राप्त हुई है। वे बताते हैं कि इस उन्नत तकनीकी से रागी बीज उत्पादन करने पर उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त हुई जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई है और इस अतिरिक्त आय से उन्होंने अपनी भूमि पर जहां पहले पानी की समस्या थी वहां नलकूप खनन करा लिया है और किस्तों में एक ट्रैक्टर भी खरीद ली है। इस वर्ष उन्होंने रागी बीज के साथ-साथ मसूर, चना और मक्का का भी उत्पादन किया था। अभिमन्यु को देखकर पतोड़ा के अन्य किसान भी बीजोत्पादन के द्वारा अतिरिक्त आमदानी करने हेतु प्रोत्साहित हो रहे है। जिससे उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त हुआ हैं। उन्होने शासन द्वारा किसानों लिए किए जाने वाले कार्यों के लिए शासन एवं प्रशासन को सहृदय धन्यवाद दिया।

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