बारहमासी रोजगार आज हर किसी की जरुरत है। अक्सर मानसून के दौरान खेतीबाड़ी तथा समय-समय पर वनोपज संग्रहण ही आमदनी का जरिया समझने वाले ग्रामीणों कोे भी अब बारहमासी रोजगार के साधन उपलब्ध हो रहे हैं। यदि किसी को रोजगार की जरुरत हो तो, बाहर जाना मजबूरी बन जाती है और अधिकतर ग्रामीण अपने पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण अन्यत्र जाना नहीं चाहते। ऐसे समय में गांव में ही बारहमासी रोजगार का यह सपना मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की महात्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के कारण साकार हो रहा है। इसी योजना के तहत दरभा विकास खण्ड के बड़े कड़मा में आंवारा पशुओं के प्रबंधन के लिए गौठान खोला गया। इसके साथ ही यहां विभिन्न प्रकार की रोजगारमूलक गतिविधियां प्रारंभ की गई। अब यह गौठान गांव के 40 लोगों को रोजगार दे रहा है।

आमा फूल महिला स्व-सहायता समूह, रातरानी स्व सहायता समूह, दंतेश्वरी महिला स्व सहायता समूह, बम्लेश्वरी स्व सहायता समूह और राजीव युवा मितान के सदस्य इस गौठान में वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट एंव मुर्गी पालन, बकरी पालन, मछली पालन, हर्बल गुलाल, साबुन निर्माण आदि रोजगारमूलक कार्य कर रहे हैं। साथ ही अब इसे ग्रामीण औद्योगिक पार्क का रुप भी दिया जा रहा है, जहां पेपर बैग निर्माण, चैन लिंक फेंसिंग, पेवर ब्लाक, पशु आहार, पापड़ बड़ी निर्माण, बायो फलाक यूनिट की सहायता से मछली पालन आदि गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं। यहां ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना से अन्य ग्रामीणों के लिए भी रोजगार की राह आसान हुई है, जिससे गांव में खुशियां आई है।

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