छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण को लेकर विवाद सामने आया है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला कांग्रेस कमेटी ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकायों में ओबीसी आरक्षण को दुर्भावनापूर्ण तरीके से खत्म किया है। जिला कांग्रेस अध्यक्ष उत्तम वासुदेव ने बताया कि प्रदेश के 16 जिला पंचायत और 85 जनपदों में पहले ओबीसी के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित थीं, जिन्हें अब अनुसूचित क्षेत्रों में पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। जिन मैदानी क्षेत्रों में 90-99% ओबीसी आबादी है, वहां भी सरपंच का पद अन्य वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया है। बस्तर और सरगुजा संभाग में ज्यादा नुकसान बस्तर और सरगुजा संभाग में इस नए आरक्षण व्यवस्था से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। गौरेला पेंड्रा मरवाही के जिला पंचायत में ओबीसी के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई है। नगर पंचायत मरवाही के 15 वार्डों में ओबीसी को मात्र एक सीट दी गई है। कांग्रेस ने सरकार पर लगाया आरोप कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर ओबीसी वर्ग के चुनाव लड़ने के अधिकार को कुचला है। विधानसभा में पारित छत्तीसगढ़ नवीन आरक्षण विधेयक को भी रोका गया है। प्रेसवार्ता में जिला महामंत्री पुष्पराज सिंह, संतोष ठाकुर, प्रशांत श्रीवास और सार्थक गुप्ता भी मौजूद रहे।