कोरोना के खिलाफ अभियान बने बूस्टर डोज के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। लोगों को बिना टीका लगे ही सर्टिफिकेट भेज दिया जा रहा है। कोविड कमांड सेंटर में हर रोज दर्जनों लोग इसकी शिकायत करने पहुंच रहे हैं।
कोरोना के निबटने के लिए महाभियान बूस्टर डोज के नाम पर फिर फर्जीवाड़ा हो रहा है। लोगों को बिना टीका लगे ही सर्टिफिकेट भेज दिया जा रहा है। कोविड कमांड सेंटर में हर रोज दर्जनों लोग इसकी शिकायत करने पहुंच रहे हैं।
जिले में 15 जुलाई से 18 से 59 वर्ष तक के लोगों को नि:शुल्क बूस्टर डोज लग रही है। 75 दिनों में सभी को डोज लगाना है। शिकायतें आई हैं कि टीकाकरण केन्द्रों से लोगों को लौटा दिया जा रहा है लेकिन स्वास्थ्य विभाग लक्ष्य पूरा करने के लिए बिना डोज लगाए ही सर्टिफिकेट भेज रहा है।
ऐसे आ रहे हैं मामले
हुकुलगंज के योगेश को सिर्फ दोनों डोज लगी है। उनके पास मंगलवार सुबह करीब 10 बजे बूस्टर डोज लगने का मैसेज आया। उन्होंने लिंक खोला तो उसमें बूस्टर डोज का सर्टिफिकेट भी डाउनलोड हो गया। सर्टिफिकेट के अनुसार आदमपुर पीएचसी में अनुपमा त्रिपाठी ने टीका लगाया है। जबकि योगेश का कहना है कि वह घर से बाहर निकले ही नहीं।
इसी तरह लहरतारा निवासी 46 वर्षीय किरण को सोमवार को बूस्टर डोज लगाने का मैसेज आया। उनका कहना है कि एक दिन पहले मैसेज आया और दूसरे दिन सर्टिफिकेट भी अपलोड हो गया। मृत्युंजय पांडेय ने बताया कि उनके पास पीएचसी आदमपुर से मैसेज आया है। उन्होंने डीएम से इसकी शिकायत की है।
इस बारे में वाराणसी के सीएमओ डॉक्टर संदीप चौधरी ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। इस मामले को दिखवाता हूं। तकनीकी गड़बड़ी हो सकती है।