पूर्व मुख्य न्यायाधीश शरद बोबडे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख सरसंघचालक मोहन भागवत से नागपुर में भेंट की. आरएसएस पदाधिकारियों ने इस बारे में कोई भी जानकारी होने से इनकार किया है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक आरएसएस मुख्यालय (RSS Headquarter) में मंगलवार शाम 4 से 5 बजे बैठक हुई. दोनों के बीच घंटे भर किस मुद्दे पर बातचीत हुई, फिलहाल यह जानकारी नहीं है. ना तो मोहन भागवत की ओर से और ना ही पूर्व मुख्य न्यायाधीश शरद बोबडे की ओर से इस बारे में कोई जानकारी दी गई है.
बोबडे द्वारा संघ मुख्यालय जाकर संघ प्रमुख से मिलने की यह पहली घटना है. लेकिन इसके अलावा शरद बोबडे महाल इलाके में आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार (Keshav Baliram Hedgewar, 1889-1940) के जन्मस्थान पर भी गए. केबी हेडगेवार का यह घर 100 साल से भी अधिक पुराना है. संघ के एक पदाधिकारी के मुताबिक शरद बोबडे ने यहां आकर यह देखा कि इस घर का किस तरह से खयाल रखा जा रहा है. इसका संरक्षण और रख-रखाव किस तरह से किया जा रहा है.
अयोध्या से जुड़ा फैसला दे चुके हैं शरद बोबडे
पूर्व मुख्य न्यायाधीश शरद बोबडे खुद नागपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने कई सालों तक यहां वकालत की है. बोबडे मुख्य न्यायाधीश के पद से अप्रैल 2021 में रिटायर हुए. इसके बाद वे सारा वक्त दिल्ली और नागपुर में बिता रहे हैं. वे देश के 47 वें मुख्य न्यायाधीश (47 th Chief Justice of India) रह चुके हैं. अपने कार्यकाल में वे अयोध्या से जुड़ा फैसला सहित कई अहम केसेस में निर्णय सुना चुके हैं. इस मुलाकात की चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि शरद बोबडे से पहले मुख्य न्यायाधीश रह चुके रंजन गोगई (Ranjan Gogoi, MP Rajya Sabha and Former CJI) को भी हाल ही में भाजपा (BJP) कीओर से राज्यसभा सांसद बनाया गया है.
शरद बोबडे का जन्म 24 अप्रैल 1956 में नागपुर में ही हुआ. नागपुर विश्वविद्यालय (Nagpur University) से ही उन्होंने अपनी LLB की डिग्री पूरी की. 1978 में वे महाराष्ट्र के बार कौंसिल (Bar Council of Maharashtra)के सदस्य बने. जस्टिस बोबडे ने बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) के नागपुर बेंच में कई सालों तक प्रैक्टिस की है.