छत्तीसगढ़ परिवहन विभाग हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लेकर सख्त हो गया है। परिवहन विभाग ने सभी जिले को निर्देश जारी किया है कि 1 अप्रैल 2019 के पहले रजिस्टर्ड वाहनों में भी नंबर प्लेट लगवाएं। इसके लिए सरकार ने सभी 28 जिलों के लिए शुल्क भी निर्धारित कर दिया है। लोग शुल्क पटाकर घर बैठे नंबर प्लेट लगवा सकेंगे। दुर्ग आरटीओ एसएल लकड़ा ने बताया कि लोगों ने अपने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए कहीं भटकने की जरूरत नहीं है। वह यह सुविधा निर्धारित शुल्क अदा करके घर बैठे प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें परिवहन विभाग की वेबसाइट cgtransport. gov. in पर लॉग इन करना होगा। सभी औपचारिकता पूरी करने पर अधिकृत वेंडर आपके घर पहुंचकर नंबर प्लेट आपकी गाड़ी में फिट कर देंगे। दोनों कंपनियां लगाएंगी नंबर प्लेट नंबर प्लेट लगाने की जिम्मेदारी मेसर्स रियल मेजान इंडिया लिमिटेड और मेसर्स रोसमर्टा सेफ्टी सिस्टम लिमिटेड नाम की कंपनी को सौंपी गई है। दोनों ही कंपनियां परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित शुल्क देने पर वाहन में नंबर प्लेट लगाएंगी। यह नंबर प्लेट एक अप्रैल 2019 से पहले रजिस्टर्ड वाहनों पर लगाना है। इसके लिए मार्च 2025 तक का टारगेट रखा गया है। इसके लिए विभाग द्वारा अधिकृत ऑटोमोबाइल डीलरों को कंपनी द्वारा भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। धोखाधड़ी कम करने के लिए बदली जा रही नंबर प्लेट सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से पारदर्शिता लाने और धोखाधड़ी कम करने के लिए नंबर प्लेट बदलने की प्रक्रिया की जा रही है। इसके तहत पुरानी नंबर प्लेट को हटाकर उनकी जगह हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट लगाई जाएगी। सरकार ने सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट और कलर कोड स्टीकर लगाना आवश्यक कर दिया है। छत्तीसगढ़ के 28 जिलों के लिए कोड नंबर जारी कार्यालय परिवहन आयुक्त छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य के सभी 28 जिलों के लिए कोड जारी कर दिया है। इसके तहत रायपुर जिले के लिए सीजी 04, दुर्ग जिले के लिए सीजी 07 से लेकर गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के लिए सीजी 31 कोड जारी किया गया है। वाहन मालिक अपने जिले के समीपस्थ डीलर के पास जाकर नंबर प्लेट लगवा सकते हैं। लगेगा 100 रुपए इंस्टॉलेशन चार्ज अगर आपको हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट लगाना है तो आपको निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त 100 रुपए इंस्टॉलेशन चार्ज भी देना होगा। नंबर प्लेट लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन के साथ वाहन मालिक का मोबाइल नंबर वाहन पोर्टल पर दर्ज होगा। पोर्टल में नंबर होने पर रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ गाड़ी का चेसिस नंबर भी डालना होगा। इसके बाद मोबाइल से वेरिफिकेशन होगा। बता दें कि नंबर प्लेट में एक यूनिक कोड फीड रहेगा। जिसमें संबंधित वाहन से जुड़ी सभी जानकारी होगी। इसे रिपिड के साथ लगाया जाएगा, ताकि इसके साथ छेड़छाड़ और प्लेट की कोडिंग को हटाया नहीं जा सकेगा।