छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में KK रेलवे ट्रैक पर पत्थर डाल कर मार्ग बाधित कर दिया गया। नक्सलियों द्वारा बड़ी वारदात को अंजाम देने की आशंका में रेलवे ने ट्रेनों को रोक दिया।

छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में किरंदुल-विशाखापट्टनम रेलवे ट्रैक पर पत्थर डाल कर मार्ग बाधित कर दिया गया। नक्सलियों द्वारा किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की आशंका में रेलवे ने ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगा दी। रेलवे प्रबंधन ने कुछ ट्रेनों को भांसी रेलवे स्टेशन पर ही रोक दिया। माओवादी दहशत की वजह से 12 घंटे अधिक समय तक किरंदुल-कोत्तावालसा केके रेलवे मार्ग बंद रहा। मंगलवार की सुबह कर्मचारियों ने रेललाइन की जांच की, जिसके बाद मार्ग बहाल किया और गाड़ियां गुड्स और यात्री ट्रेनें गंतव्य के लिए रवाना हुई।

मिली जानकारी के मुताबिक केके रेललाइन पर दंतेवाड़ा जिले से बचेली रेलवे स्टेशन के बीच झिरका-बासनपुर जंगल में पटरियों पर गिट्टी और पत्थर रख दिया गया। देर शाम किरंदुल से लौह अयस्क भरकर मालगाड़ी जब दंतेवाड़ा स्टेशन की तरफ आ रही थी तो घटना की जानकारी हुई। नक्सली घटना की आशंका में ट्रेन के लोको पायलट ने रोक दिया और इसकी जानकारी अफसरों को दी। इसके बाद ट्रेन को वापस भांसी स्टेशन पर बुला लिया गया। नक्सली करतूत के अंदेशे पर अफसरों ने केके रेल लाइन पर चलने वाली सभी मालगाड़ियों का परिचालन रात्रि में रोक दिया।

फोर्स की मौजूदगी में रेललाइन की जांच 
मंगलवार की सुबह दंतेवाड़ा पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद एंटी नक्सल मोर्चे पर तैनात फोर्स और पुलिस को मौके पर रवाना किया गया। सुबह अफसर और जवानों की मौजूदगी में पटरियों से गिट्टी और पत्थर हटाकर मार्ग को बहाल किया गया। मालगाड़ियों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। दरअसल, जिस जगह पर पत्थर डाले गए थे वह इलाका नक्सलियों का कोर जोन है। दंतेवाड़ा से किरंदुल तक घनघोर जंगल के बीच से ट्रेन गुजरती है। इसी जंगल में नक्सली कई बार ट्रेनों को रोक कर निशाना बना चुके हैं। माओवादी यात्री और पैसेंजर दोनों ट्रेनों को डिरेल कर चुके हैं, जिससे बड़ा नुकसान हो चुका है।

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