अक्तूबर के महीने में हुई अतिवृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत की जाएगी। प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में ग्राम पंचायत को इकाई मानकर लागू किया होगा।

अक्तूबर के महीने में हुई अतिवृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत की जाएगी। इसके लिए प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में ग्राम पंचायत को इकाई मानकर लागू किया जा रहा है।  सोमवार को अपर मुख्य सचिव कृषि डा.देवेश चतुर्वेदी की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि अक्तूबर माह में खरीफ की अधिकांश फसलें पकने की स्थिति में होती हैं और कुछ फसलों जैसे-मक्का व बाजरा की कटाई भी शुरू हो जाती है। ऐसी स्थिति में इस बार अतिवृष्टि से फसलों को ज्यादा नुकसान होने की सम्भावना है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अगर फसलों का नुकसान दैवी आपदा के कारण होता है तो मध्यावस्था क्षति के तहत क्षेत्रीय आधार पर फसल की प्रारम्भिक अवस्था से फसल कटाई के 15 दिन पहले तक, स्थानीय आपदा में व्यक्तिगत आधार पर, फसल कटाई के बाद व्यक्तिगत आधार पर फसल बीमा से नुकसान की भरपाई की जाएगी।

शासनादेश में कहा गया है कि जिले में राजस्व व कृषि विभाग के क्षेत्रीय स्तर पर कार्यरत कार्मिकों द्वारा प्रतिकूल मौसम की स्थितियों के कारण प्रभावित ग्राम पंचायत व फसल के नुकसान की सूचना तीन कार्य दिवस के अन्दर जिलाधिकारी या फिर उप कृषि निदेशक कार्यालय को लिखित रूप में दी जाएगी।

सूचना मिलने के सात कार्य दिवसों के भीतर कृषि विभाग और बीमा कम्पनियों के अधिकारियों की गठित टीम द्वारा आपदा प्रभावित ग्राम पंचायत जिसमें फसल की अपना से पचास प्रतिशत से अधिक नुकसान होने की सम्भावना हो के सम्बंध में सूचना लिखित रूप से बीमा कम्पनी को उपलब्ध करवा दी जाएगी। जिला स्तर पर राजस्व, कृषि विभाग एवं बीमा कम्पनियों के अधिकारियों द्वारा गठित टीम द्वारा आपदा के पन्द्रह दिन के भीतर संयुक्त सर्वेक्षण करते हुए नुकसान का आंकलन किया जाएगा और सर्वेक्षण रिपोर्ट बीमा कम्पनियों को अग्रिम कार्यवाही के लिए उपलब्ध करवायी जाएगी।

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