सरगुजा में राजस्व मंडल के फर्जी आदेश के मिलने के मामले में दो आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट बिलासपुर ने खारिज कर दी है। सरगुजा में राजस्व मंडल के फर्जी आदेश मिलने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। दो आरोपियों ने प्रकरण में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल किया था। राजस्व मंडल छत्तीसगढ़, बिलासपुर के कूटरचित आदेशों को प्रस्तुत कर इसका क्रियान्वयन कराने के लिए आवेदन प्रस्तुत करने वालों पर कलेक्टर सरगुजा के निर्देश पर एफआईआर दर्ज किए गए हैं। तहसीलदार अंबिकापुर के समक्ष आवेदक अशोक अग्रवाल निवासी राजपुर, जिला-बलरामपुर और घनश्याम अग्रवाल निवासी प्रेमनगर, जिला-सूरजपुर ने फर्जी आदेश पेश कर शासकीय भूमि के अंतरण की कोशिश की थी। थानों में दर्ज हुई थी एफआईआर
राजस्व मंडल बिलासपुर को आवेदकों द्वारा प्रस्तुत कूटराचित आदेशों की प्रमाणिकता जांचने आदेशों को भेजा गया था। जांच उपरांत आवेदक द्वारा प्रस्तुत आदेशों को फर्जी पाया गया था। सितंबर माह में कलेक्टर द्वारा आवेदकों के विरुद्ध संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। मामले में कोतवाली अंबिकापुर थाने में दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 318(4), 338, 336(3), और 340(2) के अपराध दर्ज किया गया था। हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
मामले में अपराध दर्ज होने के बाद आरोपी अशोक अग्रवाल और घनश्याम अग्रवाल ने हाईकोर्ट बिलासपुर में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने जमानत याचिकाओं की सुनवाई की। मामले की गंभीरता एवं केस डायरी में उल्लेखित तथ्यों को देखते हुए चीफ जस्टिस ने दोनों जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया है। 13 मामलों में दर्ज हुई है FIR
सरगुजा में राजस्व मंडल के संदिग्ध आदेशों की जांच कराई गई। जांच के बाद 13 मामले फर्जी मिले हैं, जिनमें प्रशासन द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है।
