जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने ‘पठान’ का ट्रेलर जारी होने से एक दिन पहले बयान दिया कि फिल्म निर्माताओं को सेंसर बोर्ड में ‘भरोसा’ करने की जरूरत है, जिसके पास यह तय करने का अधिकार है कि फिल्म का अंतिम रूप क्या होगा.

नई दिल्ली : 

शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) और दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘पठान (Pathaan)’ का ट्रेलर आज रिलीज कर दिया गया है. कुछ देर पहले रिलीज हुए फिल्म के ट्रेलर ने व्यूज के सभी रिकार्ड्स तोड़ दिए हैं. बीते दिनों फिल्म पठान के गाने ‘बेशर्म रंग’ को लेकर खूब विवाद हुआ था. इस गाने में दीपिका पादुकोण के पहनावे को लेकर जमकर बवाल मचा था, जिसके बाद केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने फिल्म के निर्माताओं से ‘बेशर्म रंग’ गाने के दृश्यों में बदलाव करने को कहा था.

जावेद अख्तर (Javed Akhtar) ने ‘पठान’ का ट्रेलर जारी होने से एक दिन पहले बयान दिया कि फिल्म निर्माताओं को सेंसर बोर्ड में ‘भरोसा’ करने की जरूरत है, जिसके पास यह तय करने का अधिकार है कि फिल्म का अंतिम रूप क्या होगा.

‘गीत गलत या सही, मैं नहीं कर सकता फैसला’

जावेद अख्तर ने कहा, “मैं यह फैसला नहीं कर सकता कि गीत गलत है या सही. इसके लिए हमारे पास एक एजेंसी है. सरकार और समाज के कुछ लोग हैं, जो फिल्म देखते हैं और तय करते हैं कि क्या दिखाया जाना चाहिए और क्या नहीं. मुझे लगता है कि हमें उनके द्वारा फिल्म को दिए जाने वाले प्रमाण पत्र, हटाए गए दृश्यों और अंतिम फैसले पर भरोसा करना चाहिए”. खबरों की मानें तो सीबीएफसी ने फिल्म निर्माण कंपनी ‘यश राज फिल्म्स’ को ‘बेशर्म रंग’ गाने के दृश्य में बदलाव करने और भारतीय खुफिया एजेंसी ‘रॉ’ और प्रधानमंत्री कार्यालय के सभी उल्लेखों को फिल्म से हटाने का सुझाव दिया है. फिल्म पठान 25 जनवरी को रिलीज होने वाली है.

भगवा रंग के कपड़े पहनने को लेकर हुआ था विवाद 

गौरतलब है कि ‘बेशर्म रंग’ में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के भगवा रंग के कपड़े पहनने को लेकर कई लोगों के नाराजगी जाहिर करने और इसे धार्मिक भावनाओं को कथित रूप से आहत करने वाला बताने के बाद से ही फिल्म को लेकर विवाद जारी है. विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पिछले सप्ताह ही अहमदाबाद के वस्त्रपुर इलाके में स्थित एक मॉल में हंगामा किया था और फिल्म ‘पठान’ के पोस्टर फाड़ दिए थे. फिल्म के खिलाफ कुछ असामाजिक तत्वों के इस तरह के विरोध पर किए सवाल के जवाब में अख्तर ने कहा कि यह असामाजिक तत्व नहीं बल्कि नेता थे जिन्होंने गीत पर सवाल उठाए थे.

‘हर धर्म का अपना सेंसर बोर्ड होना चाहिए’

जावेद अख्तर ने कहा, “कोई असामाजिक तत्व नहीं हैं, मंत्री ऐसी बातें कर रहे हैं. असामाजिक तत्वों के बारे में भूल जाओ. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने यह कहा है”. बता दें, मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गीत में दीपिका पादुकोण के एक दृश्य को पिछले महीने आपत्तिजनक करार दिया था और कहा था कि सरकार इस बात पर विचार करेगी कि फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति दी जाए या नहीं.

इस बारे में बात करते हुए जावेद अख्तर ने कहा, “अगर वह (मंत्री) सोचते हैं कि मध्य प्रदेश के लिए एक अलग सेंसर बोर्ड होना चाहिए, तो उन्हें अलग से फिल्म देखनी चाहिए. अगर वे केंद्र के फिल्म प्रमाणन से नाखुश हैं, तो हमें इस पर कुछ नहीं बोलना चाहिए. यह उनके और केंद्र के बीच की बात है”. वहीं हाल ही में गठित ‘धर्म सेंसर बोर्ड’ के बारे में पूछे जाने पर लेखक ने कहा कि हर धर्म का अपना सेंसर बोर्ड होना चाहिए.

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