कॉन्ट्रैक्टर संतोष पाटिल की खुदकुशी के मामले में कर्नाटक के मंत्री ईश्वरप्पा की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. सूत्रों के मुताबिक, ईश्वरप्पा का हटना तय है और जल्द उनका इस्तीफा हो सकता है. इससे पहले ईश्वरप्पा के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है. ठेकेदार संतोष पाटिल के भाई प्रशांत ने ईश्वरप्पा के खिलाफ शिकायत दी थी और मंत्री पर आरोप लगाए थे.

कर्नाटक ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का आरोप लगाने वाले ठेकेदार संतोष पाटिल ने मंगलवार को उडुपी में आत्महत्या कर ली थी. पाटिल हिंदू युवा वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव थे. उन्होंने आत्महत्या के लिए मंत्री को जिम्मेदार बताया.

इस मामले पर कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि ठेकेदार संतोष पाटिल खुदकुशी का सच सामने आएगा. मामले की पूरी जांच की जाएगी. दूसरी तरफ ईश्वरप्पा के इस्तीफे को लेकर पूर्व सीएम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की अगुवाई में कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्य के राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मुलाकात की. इसके साथ ही, मंत्री के. एस. ईश्वरप्पा को हटाने की मांग की.

डीके शिवकुमार ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि हमने राज्यपाल से केएस ईश्वरप्पा को जल्द बर्खास्त कर गिरफ्तार करने की मांग की है. इसके साथ ही, उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का भी केस दर्ज किया जाना चाहिए कि वे ठेकेदार संतोष पाटिल समेत अपने ही लोगों से 40 प्रतिशत कमीशन मांगते हैं. राज्यपाल ने हमें कहा है कि वे संबंधित अथॉरिटीज के साथ बात करेंगे.

क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक, संतोष पाटिल कुछ दिन पहले लापता हो गए थे और बेलगावी पुलिस ने उनका पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया था. उन्होंने अपने दोस्तों को एक संदेश भेजा था जिसमें कहा गया था कि ईश्वरप्पा उनकी मौत के लिए ‘सीधे जिम्मेदार’ होंगे और मंत्री को दंडित किया जाना चाहिए.

कुछ हफ्ते पहले पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा था कि उन्होंने ईश्वरप्पा के मौखिक निर्देश के आधार पर अपने गांव में सड़कों के निर्माण में 4 करोड़ रुपये का निवेश किया है. उन्होंने मंत्री पर झूठ, भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का आरोप लगाया और पीएम मोदी से ईश्वरप्पा को अपने बिलों का निपटान करने का निर्देश देने का आग्रह किया.

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