प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में दावा किया कि जांच में सामने आया कि रेत की अवैध बिक्री और इसके खनन को मुख्य रूप से एक गिरोह द्वारा नियंत्रित किया गया और इस गिरोह के सदस्य होने के नाते राधा चरण ‘साह ब्रॉड सन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड’ के माध्यम से अपराध से भारी-भरकम आय प्राप्त कर रहे थे.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने बिहार में कथित अवैध रेत खनन मामले की अपनी धन शोधन जांच के तहत राज्य विधानपरिषद के सदस्य और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता राधा चरण साह की 26 करोड़ रुपये की दो अचल संपत्तियां कुर्क कीं. बिहार पुलिस ने ‘ब्रॉड सन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड’ और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और बिहार खनिज (रियायत, अवैध खनन, परिवहन और भंडारण की रोकथाम) नियम, 2019 की विभिन्न धाराओं के तहत कुल 19 प्राथमिकियां दर्ज की थीं, जिसके आधार पर निदेशालय ने धन शोधन का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी.
प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में दावा किया कि जांच में सामने आया कि रेत की अवैध बिक्री और इसके खनन को मुख्य रूप से एक गिरोह द्वारा नियंत्रित किया गया और इस गिरोह के सदस्य होने के नाते राधा चरण ‘साह ब्रॉड सन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड’ के माध्यम से अपराध से भारी-भरकम आय प्राप्त कर रहे थे.
ईडी ने बताया, ”उन्होंने (राधा चरण साह) हवाला नेटवर्क का उपयोग कर अपने बेटे कन्हैया प्रसाद की सहायता से अपराध की आय को छिपाया और धन शोधन किया.”
ईडी के मुताबिक, ‘ब्रॉड सन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड’ बिहार के खनन प्राधिकरण द्वारा जारी विभागीय प्री-पेड परिवहन ई-चालान का उपयोग किए बिना अवैध रेत खनन और रेत की बिक्री में शामिल रही है और इससे सरकारी खजाने को 161.15 करोड़ रुपये की भारी राजस्व हानि हुई.
ईडी ने पिछले वर्ष साह, उनके बेटे कन्हैया प्रसाद और ब्रॉड सन कमोडिटीज के निदेशकों मिथिलेश कुमार सिंह, बबन सिंह और सुरेंद्र कुमार जिंदल को गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वे न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद हैं.
ईडी ने बताया कि नवंबर 2023 में आरोपियों के खिलाफ पटना की विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया था. ईडी के मुताबिक, पीएमएलए के तहत कुर्क की गई दो अचल संपत्तियों का कुल मूल्य 26.19 करोड़ रुपये है.