भूकंप से प्रभावित अफ़ग़ानिस्तान में लोगों को बचाने के लिए चलाए जा रहे राहत और बचाव अभियान में भारी बारिश, संसाधनों की कमी और मुश्किल इलाक़े के चलते काफ़ी दिक़्क़तें पेश आ रही हैं.

अफ़ग़ानिस्तान की स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से ही चरमराई हुई थी और इस आपदा ने समस्याओं को और गंभीर बना दिया है. इस आपदा से देश की संचार व्यवस्था भी बुरी तरह प्रभावित हुई है.

मुश्किल हालात के बीच तालिबान प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों से मदद की गुहार लगाई है. संयुक्त राष्ट्र संघ उन संस्थाओं में शामिल है, जो आपदा से सबसे ज़्यादा प्रभावित पक्तीका प्रांत के सुदूर इलाक़ों में लोगों को रहने के लिए ठिकाने और भोजन मुहैया करा रहा है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम लोग उस इलाक़े तक नहीं पहुंच सकते, वहां पहुंचने का रास्ता बेहद मुश्किल है.”

बचाए गए लोगों और बचावकर्मियों ने बीबीसी को बताया है कि जहां पर भूकंप का केंद्र था, उसके आसपास के गांव, सड़क और मोबाइल फोन के टावर पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं. उन्हें आशंका है कि इस आपदा में मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में तालिबान के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम लोग उस इलाक़े तक नहीं पहुंच सकते, वहां पहुंचने का रास्ता बेहद मुश्किल है.”

बचाए गए लोगों और बचावकर्मियों ने बीबीसी को बताया है कि जहां पर भूकंप का केंद्र था, उसके आसपास के गांव, सड़क और मोबाइल फोन के टावर पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं. उन्हें आशंका है कि इस आपदा में मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है.

मंगलवार और बुधवार की रात दक्षिण पूर्व अफ़ग़ानिस्तान में भूकंप के ज़ोरदार झटके आए थे, जिसमें अब तक 1,000 से ज़्यादा लोगों के मरने की ख़बर है. तालिबानी अधिकारियों के अनुसार, इस आपदा में कम से कम 1,500 लोगों के घायल होने का अनुमान है.

रिक्टर पैमाने पर 6.1 की तीव्रता से आए इस भूकंप ने मिट्टी और पत्थर से बने घरों को मलबों में तब्दील कर दिया है. मलबे में अभी भी सैकड़ों लोगों के दबे होने की आशंका है.

डॉक्टरों ने बीबीसी को बताया है कि मरने वालों में काफ़ी बच्चों के होने की आशंका है, जिन्हें सही वक़्त पर मकानों से बाहर नहीं निकाला जा सका है.

जानकारों का मानना है कि पिछले दो दशकों के दौरान अफ़ग़ानिस्तान में आए इस सबसे ताक़तवर भूकंप ने तालिबान प्रशासन के सामने बहुत बड़ी चुनौती ख़ड़ी कर दी है.

अफ़ग़ानिस्तान से आई तस्वीरों में वहां हुए भारी भूस्खलन और तहस-नहस हुए मिट्टी के घर दिखे. सबसे ज़्यादा नुक़सान पूर्वी प्रांत पक्तीका में हुआ, वहां बचाव दल घायलों के इलाज के लिए कोशिश कर रहे हैं.

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