विपक्षी पार्टियों पर हमला करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कभी राहुल गांधी और सोनिया गांधी, सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर फूल चढ़ाने गए? कभी नहीं गए. इसे छोड़िए वॉर मेमोरियल गए कभी? इसे कहते हैं, अहंकार…

नई दिल्‍ली: 

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को महात्मा गांधी द्वारा 1942 में आज ही के दिन शुरू किए गए ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ को याद किया और कांग्रेस तथा विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों पर हमला बोलते हुए आह्वान किया कि वंशवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति देश हित में समाप्त होनी चाहिए. भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति वंशवादी राजनीति के साथ आती है.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान हुए कई घोटालों के साथ-साथ ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों… तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, द्रविड़ मुनेत्र कषगम के शासन वाले राज्यों में सामने आए घोटालों का उल्लेख करते हुए कहा कि वंशवाद की राजनीति, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति को देश के सर्वोत्तम हित में भारत छोड़ना चाहिए.

उन्होंने कहा कि ये देश की ‘तीन बीमारियां’ हैं जिन्हें भारत छोड़ देना चाहिए. प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, “भारत, इसकी सुरक्षा, अखंडता के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इन तीन बीमारियों… घोर परिवारवाद, भ्रष्टाचार और शर्मनाक तुष्टीकरण को भारत छोड़ना चाहिए. अगर देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने की रक्षा करनी है, राजनीति में शुचिता को वापस लाना है और देश को बचाना है, तो इन तीन अभिशापों को भारत छोड़ना होगा.”

विपक्षी पार्टियों पर हमला करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कभी राहुल गांधी और सोनिया गांधी, सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर फूल चढ़ाने गए? कभी नहीं गए. इसे छोड़िए वॉर मेमोरियल गए कभी? इसे कहते हैं, अहंकार… मोदी ने बनाया तो हम नहीं जाएंगे. अखिलेश जी गए क्या कभी…? ममता जी बंगाल से है गई क्या कभी? आज जो में सवाल उठा रहा हू. अखिलेश, तेजस्वी, ममता जी जवाब दीजिए? आपको वक्त नहीं मिलता की आएं और फूल चढ़ाएं?

इस बीच, भाजपा सांसदों ने वंशवादी राजनीति, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति को देश से खत्म करने की मांग करते हुए संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया.

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