स्टील, लौह अयस्क, प्लास्टिक, कोकिंग कोल समेत कई कच्चे माल पर लगने वाले आयात शुल्क में कटौती से मकान बनाने की लागत कम होने के साथ ही कार और स्कूटर की कीमतों में भी राहत मिल सकती है। गत शनिवार को सरकार विभिन्न प्रकार के कच्चे माल के आयात शुल्क के साथ पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क कम करने की घोषणा की थी। अब इसका असर दिखने लगा है। श्रीसीमेंट ने तो सोमवार को सीमेंट के दाम में कटौती का एलान कर डाला। हालांकि कंपनी ने यह नहीं बताया है कि वह कितना दाम कम करेगी। इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट काउंसिल (ईईपीसी) के अनुमान के मुताबिक सरकार के फैसले से स्टील के दाम में 15 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। लौह अयस्क भी 4000 रुपये प्रति टन तक सस्ता हो सकता है। ढुलाई लागत कम होने से अन्य जिंसों के दाम भी कम होने की संभावना है।

वास्तविक मकान खरीदार को मिलेगी राहत

विशेषज्ञों का कहना है कि मकान बनाने की लागत कम होने से वास्तविक खरीदार को राहत मिलेगी। नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नरेडको) के मुताबिक लागत बढ़ने से डेवलपर्स पर दाम बढ़ाने का दबाव था, जिससे अब राहत मिलेगी। मकान बनाने में मुख्य रूप से लोहा, स्टील, सीमेंट की लागत शामिल है और ये सभी चीजें अब सस्ती होने जा रही हैं। मारुति सुजुकी जैसी बड़ी वाहन कंपनियां भी लागत कम होने की समीक्षा कर रही हैं। कंपनी सूत्रों के मुताबिक इसका लाभ उपभोक्ताओं को दिया जा सकता है। स्टील के दाम के लगातार बढ़ने से अभी कई कार कंपनियां कार की कीमत बढ़ाने पर विचार कर रही थी, वह अब नहीं होंगी।

बढ़ जाएगी निर्यातकों की प्रतिस्पर्धा क्षमता

आम उपभोक्ताओं को राहत के साथ छोटे उद्यमियों को कारोबार में तेजी आने की उम्मीद है। ईईपीसी के मुताबिक स्टील व लौह अयस्क के दाम घटने से इन वस्तुओं से जुड़े छोटे-छोटे उत्पाद सस्ते होंगे और उनकी बिक्री बढ़ेगी। छोटे उद्यमियों को कच्चे माल की खरीद के लिए अब कम पूंजी की जरूरत होगी, जिससे उनकी नकदी बचेगी और वे अब बड़ा आर्डर ले सकेंगे। लागत कम होने से प्लास्टिक से जुड़े आइटम भी सस्ते हो जाएंगे। लागत कम होने से इंजीनियरिंग उत्पाद से लेकर प्लास्टिक उत्पाद के निर्यातकों की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ जाएगी और इससे मैन्यूफैक्चरिंग को भी प्रोत्साहन मिलेगा। जानकारों का कहना है कि सरकार के फैसले से कुल महंगाई दर कम होती है तो उससे भी मांग प्रोत्साहित होगी।

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