यूपी के फिरोजबाद में 5 साल की एक बच्‍ची के गले में सीटी फंस गई। उसकी आवाज बंद हो गई। परिवार के लोग बच्‍ची को लेकर अस्‍पताल पहुंचे। डॉक्‍टरों ने ऑपरेट करके किसी तरह सीटी बच्‍ची के शरीर से बाहर निकाली।

पांच साल की बच्ची के गले में सीटी फंस गई। वह सीटी बजा रही थी तभी गले में चली गई। अंदर जाने पर वह सांस की नली तक जा पहुंची और उसकी आवाज रुक गई। परिवार  के लोग आनन फानन में बच्‍ची को लेकर एक प्राइवेट ट्रॉमा सेंटर में ईएनटी स्‍पेशलिस्‍ट के पास पहुंचे। वहां डॉक्‍टर ने बच्‍ची से खांसने के लिए कहा तो गले से सीटी की आवाज सुनाई देने लगी। एक ऑपरेशन के जरिए इसे बाहर निकाला गया तब जाकर बच्ची को राहत मिली।

बच्चों को खुश रखने, बहलाने के लिए कई बार हम उन्‍हें ऐसी चीजे दे देते हैं जो उनके जीवन के लिए जानलेवा बन सकती हैं। फिरोजाबाद के जसराना की पांच साल की अनुष्का गुरुवार को घर में खेल रही थी। इस दौरान वह एक सीटी को वह बजा रही थी। बिस्तर पर लेटकर बचाते समय सीटी अचानक गले में अंदर चली गई। बच्ची ने निकालने की कोशिश की तो वह और फंसती गई। परिवार के लोग उसे तुरंत पास के एक डॉक्‍टर के पास लेकर गए लेकिन बच्ची को कोई राहत नहीं मिली।

इसके बाद बच्‍ची को लेकर परिजन प्राइवेट ट्रॉमा सेंटर में ईएनटी सर्जन डा भानू प्रताप सिंह के पास पहुंचे।तब तक सीटी सांस की नली में जाकर फंस चुकी थी। डॉक्‍टर ने बच्‍ची को खांसी करने के लिए कहा तो गले से सीटी बजने की आवाज सुनाई देने लगी। इसके बाद ऑपरेशन करके मासूम के गले से सीटी को निकाला गया। तब जाकर बच्‍ची को राहत मिल सकी।

मैनपुरी के मासूम के फैंफड़े में मक्का फंसा
मैनपुरी के बलारपुर निवासी अमित कुमार के आठ महीने के बच्चे स्मित के गले में मक्के का दाना चला गया। वह मक्का के पास खेल रहा था। मक्का सीधे उसके फेफड़े में जा फंसा। उसे भी प्राइवेट ट्रॉमा सेंटर में लाया गया। ईएनटी चिकित्सक डा भानू प्रताप सिंह ने बताया कि मक्के का दान फेफड़े में फंसा था। ऑपरेशन करके उसको निकाला गया।

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