प्रदेश के मौसम विज्ञानी गर्मी के स्वरूप, ग्रीष्म लहर वाले दिनों में आए बदलावों पर अध्ययन कर रहे हैं। इसके लिए वे 1980 से लेकर 2021 तक अप्रैल, मई, जून महीने के उच्चतम तापमानों का अध्ययन कर रहे हैं। विज्ञानी देख रहे हैं कि बीते 41 सालों में उच्चतम तापमान किस महीने में कितना गया था। इस अध्ययन में ये बात सामने आई है कि वर्ष 1980 में जहां प्रदेश के प्रमुख शहरों का अधिकतम तापमान अप्रैल, मई, जून के महीने में 42-44 तक पहुंचा था।
उन्हीं शहरों में अप्रैल, मई, जून का अधिकतम तापमान वर्ष 1993-1994 के दौरान 46-47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यानी तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया। इसके बाद के 28 वर्षों में भी तापमान गिरता और चढ़ता रहा। इस प्रकार इन 41 वर्षों में अधिकतम तापमान में औसतन दो डिग्री बढ़ोतरी हो गई है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर जैसे बड़े शहरों के साथ ही इन्होंने सागर, सतना, नर्मदापुरम, गुना को भी इस सूची में शामिल किया है।
लगातार बढ़ रहा तापमान
मौसम विज्ञानी ममता यादव बताती हैं कि प्रदेश के प्रमुख शहरों के 1980 से लेकर 2021 तक के तापमान का अध्ययन हम एक चार्ट के जरिए कर रहे हैं। यह लागातार बढ़ रहा है। मौसम विज्ञानी पीके साहा कहते हैं कि इस साल भी तापमान इन उच्चतम तापमानों को छुएगा, क्योंकि अन्य सालों की तुलना में इस साल मई महीने तक पश्चिमी विक्षोभ केवल पांच आए हैं, जिनमें केवल एक प्रभावशाली था।
तापमान बढ़ने का मुख्य कारण
– पेड़ों को लगातार काटा जा रहा है। पृथ्वी का ग्रीन कवर क्षेत्र लगातार कम हो रहा है।
– कारखानों और घरों में जीवाश्म ईंधन ( कोयला, प्राकृतिक गैस और तेल) के जलने से कार्बन डाइआक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसों को वायुमंडल में छोड़ा जाता है।
– कुछ गैसें, जैसे- कार्बन डाइआक्साइड और मिथेन, वातावरण में सूरज की गर्मी को अपने अंदर सोखती हैं।
– एसी और फ्रिज में क्लोरो-फ्लोरो कार्बन गैस का इस्तेमाल होता है जोकि ओजोन परत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है। इससे तापमान बढ़ता है।
अध्ययन में अधिकतम तापमान की महानगरों की स्थिति
ग्वालियर : सबसे अधिक तापमान साल 1993 में 47.3 डिग्री सेल्सियस झेला। इसके बाद 2019 में 47.2 डिग्री सेल्सियस तक तापमान गया। जो तापमान 1993 में जून में उच्चतम गया था, वह 2019 में मई में ही पहुंच गया।
इंदौर: बीते 41 सालों में यहां के लोगों ने मई, 1991 में सबसे अधिक तापमान 45.8 डिग्रीसे. सहन किया।
जबलपुर : 1994 मई में 45.8 डिग्रीसे और 2019 में 46.8 डिग्री सेल्सियस तक सहन किया है।
भोपाल : 1995 में 45.6 डिग्रीसे, 2015 में 45.9 डिग्रीसे एवं 2016 में 46.7 डिग्रीसे तक तापमान सहन किया है। यानी तापमान लगातार बढ़ा है।
गांवों का भी बढ़ गया तापमान
वर्तमान में उन गांवों का तापमान भी बढ़ गया है, जहां कभी ठंडक हुआ करती थी। यदि हम चाहते हैं कि तापमान आने वाले सालों में न बढ़े, तो हमें अधिक-से-अधिक पेड़ लगाने होंगे। जबकि हम बड़ी संख्या में पेड़ काट रहे हैं और बदले में छोटे-छोटे फूलों वाले पौधे लगा दे रहे हैं, जिनका पर्यावरण पर कोई असर नहीं पड़ता।