चावल दुनियाभर के 3.5 अरब से ज़्यादा लोगों के लिए अहम खाद्य है। यहां तक कि भारत में भी इसे काफी पसंद किया जाता है। कई लोगों के लिए तो चावल के बिना खाना अधूरा होता है। लेकिन यह स्वादिष्ट खाना कमज़ोरी और नींद का कारण बनता है। इसे खाते ही नींद को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है। खासतौर पर आपको ऑफिस में लंच के दौरान चावल बिल्कुल नहीं खाने चाहिए। लेकिन सवाल खड़ा होता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है, क्या इसे किसी तरह मैनेज किया जा सकता है?
ऐसा क्यों होता है?
चावल कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है, जब भी आप कार्ब्स खाते हैं, तो वे ग्लूकोज़ में बदल जाते हैं, और ग्लूकोज की आवश्यकता होती है इंसुलिन। एक बार जब इंसुलिन बढ़ जाता है, तो यह मस्तिष्क को आवश्यक फैटी एसिड ट्रिप्टोफैन के लिए प्रेरित करता है, जिससे मेलाटोनिन और सेरोटोनिन में वृद्धि होती है, जो शांत करने वाले हार्मोन हैं, और इनसे नींद आने लगती है।
क्या ऐसा महसूस करना आम बात है?
जी हां, एक्सपर्ट्स का मानना है कि चावल खाने के बाद नींद आना एक आम बात है। यह एक सामान्य तंत्रिका प्रतिक्रिया है जिससे शरीर शांत हो जाता है और पाचन की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करता है।
क्या इसे नियंत्रित किया जा सकता है?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि खाना खाते वक्त पोर्शन पर नियंत्रण रखना दिन के समय नींद आने से बचने का सबसे आसान तरीका है। जितना ज़्यादा खाना खाएंगे आपके शरीर को उसे पचाने के लिए उतनी ही मेहनत करनी पड़ेगी, जिससे उतनी ही ज़्यादा नींद आएगी।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आपके दिन के खाने में 50% सब्ज़ियां, 25% प्रोटीन, और 25% कार्ब्ज़ होना चाहिए। खाने पर कंट्रोल करने के लिए आप दो रोटियां खाएं और फिर आधा कटोरी चावल। आप सफेद की जगह ब्राउन राइस खा सकते हैं। इससे आपको ज़्यादा नींद नहीं आएगी।