जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रियंका महोबिया ने विभागीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने एवं उच्च कार्यालयों के निर्देशों की अवहेलना करने के वाले तीन पंचायत सचिवों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। उक्त सभी निलंबित सचिवों को बहाल करते हुए उनके विरूद्ध आरोपों की पुष्टि होने पर वेतन-वृद्धि रोके जाने का आदेश जिला पंचायत की सी.ई.ओ. ने दिया है।

जारी आदेश के अनुसार जनपद पंचायत नगरी की ग्राम पंचायत बोड़रा में पदस्थ पंचायत सचिव सुश्री अनिता कश्यप का निलंबन किया गया था, जिस पर बहाल करते हुए ग्राम पंचायत मोदे में उन्हें पदस्थ किया गया है। आदेश में उल्लेख किया गया है कि उक्त सचिव के विरूद्ध आरोपों की पुष्टि होने के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ पंचायत सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियम 1999 के नियम 5(क)(दो) के तहत संचयी प्रभाव से एतद् द्वारा दो वेतन-वृद्धि रोकी जाती है। इसी तरह जनपद पंचायत कुरूद की ग्राम पंचायत दरबा के निलंबित सचिव श्री ज्ञानेन्द्र चंद्राकर को बहाल करते हुए उन्हें ग्राम पंचायत कुहकुहा में पदस्थ किया गया है। उनके विरूद्ध आरोपों की पुष्टि होने पर उनकी भी दो वेतन-वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने का आदेश जिला पंचायत की सी.ई.ओ. ने जारी किया है। इसके अलावा जनपद पंचायत मगरलोड की ग्राम पंचायत बोरसी (राजपुर) के निलंबित सचिव श्री नूरेन्द्र निषाद को बहाल किया गया है। उनकी भी एक वेतन-वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने का आदेश जिला पंचायत के सी.ई.ओ. ने जारी किया है।

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