कलेक्टर श्री पी.एस.एल्मा की अध्यक्षता में आज ज़िला स्तरीय वन अधिकार समिति की बैठक आहूत की गई। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में दोपहर ढाई बजे से आयोजित बैठक में अनुसूचित जाति और अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए पिछले जुलाई माह में बुलाई गई बैठक की कार्रवाई विवरण की जानकारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास डॉ.रेशमा खान ने दी। उन्होंने बताया कि आज की बैठक में ज़िला स्तरीय समिति को नौ नए व्यक्तिगत और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के आठ दावे अनुभाग स्तर की समिति से मिले हैं। आज की बैठक में नौ व्यक्तिगत और सात सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के मिले दावे का सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया। बताया गया कि व्यक्तिगत वन अधिकार के जो नौ दावे मिले हैं वह सब नगरीय क्षेत्र नगरी के हैं। इसके अलावा सामुदायिक वन संसाधन के पांच दावे टाइगर रिजर्व क्षेत्र के हैं।
उप निदेशक सीता नदी द्वारा अवलोकन के बाद पिछली बैठक में यह प्रस्तावित किया गया था, कि सामुदायिक वन संसाधन पत्र मान्य होने पर जो भी प्रबंधन योजना ग्राम सभा द्वारा सामुदायिक वन प्रबंधन समिति के जरिए बनाई जाएगी, उसे विभाग द्वारा बनाई गई बाघ संरक्षण योजना में एकीकृत करते हुए लागू किया जाएगा। इस आधार पर सर्वसम्मति से समिति द्वारा इन पांचों दावों को मान्य करने के लिए अनुमोदन किया गया। आज की बैठक में इन दावों को पुनः समिति के समक्ष अवलोकनार्थ रखा गया। इनमें करही, जोरातराई, मासुलखोई, बरोली और बहीगांव के सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र के दावे अनुमोदित किए गए हैं। बैठक में वनमंडलाधिकारी श्रीमती सतोविषा समाजदार, उप निदेशक उदंती सीता नदी टाईगर रिजर्व श्री आयुष जैन, समिति के सदस्य और ज़िला पंचायत सदस्य श्री मनोज साक्षी, सुश्री कांति कंवर, श्रीमती कुसुमलता साहू, श्रीमती विनीता कोठारी, श्री टिकेश्वर ध्रुव, श्री सत्यनारायण साहू इत्यादि उपस्थित रहे।