भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव‘ के रूप में पूरे साल भर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा के निर्देशानुसार जिले की सभी 370 ग्राम पंचायतों में शासन की गाडलाइन के अनुसार कोविड-19 का पालन करते हुए 23 से 29 अगस्त के बीच जागरूकता सप्ताह आयोजित कर मनरेगा के नियमों एवं प्रावधानों की जानकारी ग्रामीणों को दी जाएगी।

 

जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती प्रियंका महोबिया ने बताया कि इसके तहत जिले की सभी 370 ग्राम पंचायतों एवं क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन कर जनसमूहों में जागरूकता लाने व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। वहीं इन कार्यक्रमों में सांसदों, विधायकों, एवं त्रिस्तरीय निर्वाचित पंचायत राज जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के कार्यक्रम में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत श्रमिकों को पंचायत भवन में जॉब कार्ड का अधिकार की जानकारी दी जाएगी जिसके अंतर्गत प्रत्येक ग्रामीण परिवार कार्य करने के लिए आवेदन करने और इसे पाने के लिए जॉब कार्ड का हकदार होता है। जॉब कार्ड में सभी वयस्क सदस्यों के फोटोग्राफ और नाम होते हैं। कार्य की मांग करने और इसे 15 दिनों के भीतर पाने का अधिकार के तहत इसमें प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 100 दिनों के कार्यों के लिए आवेदन करने का अधिकार है। पंजीकृत श्रमिक को कार्य की मांग किये जाने की तारीख से 15 दिनों के भीतर कार्य पाने का अधिकार है। बेरोजगारी भत्ते का अधिकार- मनरेगा के अंतर्गत यदि किसी श्रमिक को कार्य करने के लिए आवेदन देने के 15 दिनों के अंदर रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो वह श्रमिक दैनिक बेरोजगारी भत्ता पाने का हकदार बन जाता है। योजना बनाने तथा परियोजनाओं की सूची तैयार करने का अधिकार- सभी श्रमिकों को ग्राम सभा/वार्ड सभा में भाग लेने तथा उनकी पंचायत में महात्मा गांधी नरेगा के तहत शुरू किये जाने वाले कार्यों को उनके प्राथमिकता पर निर्णय लेने का अधिकार है।

 

यह भी बताया गया कि महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्य अंतर्गत श्रमिकों को प्राथमिकता के आधार पर उनके निवास के 05 किलोमीटर के दायरे के भीतर कार्यस्थल उपलब्ध कराया जाएगा। कार्य की व्यवस्था निश्चित रूप से उसी विकासखंड में की जाएगी। कार्यस्थलों पर सुविधाओं का अधिकार- महात्मा गांधी नरेगा संबंधित कार्यस्थलों पर श्रमिकों को चिकित्सा सहायता, पेयजल, छाया/शेड, शिशुगृह की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। अधिसूचित मजदूरी दर पाने का अधिकार और 15 दिनों के भीतर मजदूरी पाने का अधिकार है। इसी तरह महात्मा गांधी नरेगा के सम्पूर्ण व्यय के सामाजिक अंकेक्षण (सोशल ऑडिट) का अधिकार- महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत नागरिकों को सभी कार्यों और हुए व्ययों की सामाजिक अंकेक्षण कराने का अधिकार देते हैं। मजदूरी के भुगतान में हुए विलंब के लिए मुआवजे का अधिकार-महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत श्रमिकों को मजदूरी भुगतान विलंब होने पर मुआवजे का भी अधिकार है।

 

आगे उन्होंने यह भी बताया कि-कोविड-19 के तहत सुरक्षा संबंधी नियमों का पालन करने एवं कुछ अंतर्वैयक्तिक संचार गतिविधियों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा जिसमें अधिकार जागरुकता बैठक के माध्यम से ग्राम पंचायत कार्यालय अथवा स्कूल परिसर में निर्वाचित जन प्रतिनिधि, स्वसहायता समूह की महिलाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वच्छ भारत मिशन के स्वेच्छाग्राही, हितग्राहीमूलक कार्यों से लाभान्वित मनरेगा श्रमिक एवं विगत वर्ष 100-दिवस रोजगार पूर्ण किए परिवार के सदस्यों की बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में पावर पाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से उन्हें महात्मा गांधी नरेगा में श्रमिकों को दिए गए अधिकारों के बारे में बताया जाएगा। अधिकार जागरुकता रैली आयोजित कर एक्ट में दी गई हकदारियों के संबंध में तख्तियों, बैनर व पोस्टर तैयार कर निर्वाचित जन प्रतिनिधि, स्वसहायता समूह की महिलाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्वच्छ भारत मिशन के स्वेच्छाग्राही, हितग्राहीमूलक कार्यों से लाभान्वित मनरेगा श्रमिक एवं विगत वर्ष 100 दिवस रोजगार पूर्ण किए परिवार के सदस्यगण गांव में एक रैली निकालकर जनसमूहों को संदेश देंगे। मिडिल या हाई स्कूल में बच्चों के बीच अधिकारों को लेकर पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित कर श्रेष्ठ पेंटिंग्स को पुरस्कृत करते हुए इनकी प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। ये सभी कार्यक्रम कोरोना वायरस कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए किया जाएगा।

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