दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर प्रशासन की तरफ से LRAD (Long-range acoustic device) डिवाइस लगाया गया है. ये ऐसी आवाज पैदा करता है जो भीड़ में एक तरह की बेचैनी पैदा करता है.

नई दिल्ली: 

न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) को लेकर नए कानून की मांग पर किसानों और केंद्र सरकार के बीच टकराव कम होता नहीं दिख रहा है. किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को रोकने के लिए पुलिस की तरफ से दिल्ली के सभी बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर प्रशासन की तरफ से LRAD (Long-range acoustic device) डिवाइस लगाया गया है. ये ऐसी आवाज पैदा करता है जो भीड़ में एक तरह की बेचैनी पैदा करता है. इससे लोगों की सुनने की क्षमता भी जा सकती है.  इस मशीन के आवाज से किसान बहरा हो सकते हैं.

अमेरिकन स्पीच-लैंग्वेज-हियरिंग एसोसिएशन ने इसे लेकर कुछ दिनों पहले एक चेतावनी जारी की थी जिसमें कहा गया था कि इसके कारण लोगों में बहरापन, माइग्रेन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है. बच्चों और बुजुर्गों को इससे अधिक नुकसान हो सकता है. हालांकि दुनिया के कई देशों की सेना और पुलिस ने इसे खरीदा है और आंदोलनों के दौरान भीड़ को कंट्रोल करने के लिए इसका उपयोग किया जाता रहा है.

‘दिल्ली चलो’ मार्च का आज दूसरा दिन
किसानों के दिल्ली चलो मार्च का आज दूसरा दिन है. किसान आज फिर दिल्ली कूच की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में पुलिस ने किसानों पर सुबह से ही आंसू गैस के गोले दागने शुरु कर दिए हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल भारी संख्या में तैनात हैं. देखा जाए तो कल सिंघु बॉर्डर पर जमकर बवाल हुआ था. देर रात तक प्रदर्शनकारी किसान बॉर्डर के आस-पास जाते रहे और पुलिस आंसू गैस के गोले दागती रही. पुलिस ने कल भी किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे थे. किसानों के साथ पुलिस की झड़प भी हुई, इसमें एक डीएसपी सहित कई लोग ज़ख़्मी भी हुए थे.

केंद्र सरकार और किसानों के बीच नहीं बनी बात
सरकार और किसानों के बीच देर रात तक चली बातचीत बेनतीजा रही. किसानों का प्लान है कि वे पहले दिल्ली के पास बॉर्डर पर जमा होंगे और उसके बाद आगे की रणनीति के बारे में फैसला करेंगे. सरकार का कहना है बातचीत जारी रहेगी वहीं दूसरी तरफ़ किसान भी आगे बातचीत को लेकर तैयार हैं.

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