जिला दन्तेवाड़ा में आस्था का केन्द्र मॉ दन्तेश्वरी शक्तिपीठ है, जहां आस-पास के जिलों सहित अन्य राज्यों से भी सैलानी आकर मॉ दन्तेश्वरी माई के दर्शन करते है। सैलानी दन्तेवाड़ा के पर्यटन स्थल के भ्रमण के दौरान मुचनार एवं सातधार के आलौकिक दृश्यों का लुफ्त उठाते है। जिससे वे अंचल की खुबसूरती को और करीब से महसूस करते है। जिला प्रशासन इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए 143 ग्राम पंचायतों में देवगुड़ी स्थल का कायाकल्प कर उसे पर्यटन केन्द्र के रूप स्थापित करने एवं यहां की अमूल्य संस्कृति एवं धरोहर को संजोने का कार्य कर रहा है। जिससे दन्तेवाड़ा जिले के विभिन्न संस्कृति, सभ्यता, खान-पान, रहन-सहन, आभूषण एवं बोली-भाषा से यहां आने वाले सैलानी परिचित हो सकेंगे। साथ ही उन्हें पहली बार एक ऐसा स्थान मिलेगा जहां आदिवासी अंचल कीे सभ्यता एवं संस्कृति को जानने-पहचानने के साथ-साथ करीब से महसूस कर सकेंगे। सैलानियों के माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार स्वतः होगा, एवं इसे विश्व पटल पर अलग पहचान मिलेगी, जिससे आदिवासी संस्कृति और समृद्ध होगी।
जिला दन्तेवाड़ा विभिन्न आदिवासी संस्कृतियो को अपने में संजोय हुए है, जहां प्रत्येक गांवो में परम्परा अनुसार एक आस्था का स्थल बना हुआ है। उस स्थान को देवगुड़ी के नाम से जाना जाता है। देवगुड़ी में गांव वालों की आस्था बसती है, गांव में कोई भी त्यौहार बिना देवगुड़ी में पूजा आराधना के सम्पन्न नहीं होता है। गांवों में आस्था के प्रतीक स्वरूप देवगुड़ी का संरक्षण एवं कायाकल्प करने का बीड़ा जिला प्रशासन ने उठाया है। जिसमें मुख्यतः देवगुड़ी स्थल का जीणोद्धार कार्य, देवगुड़ी परिसर में फलदार-छायादार वृक्षारोपण कार्य, ग्रामीणों हेतु पेयजल व्यवस्था, देवगुड़ी हेतु शेड निर्माण कार्य जिसमें ग्रामीणजन द्वारा सु-व्यवस्थित बैठकर अनुष्ठान एवं पूजा-अर्चना किया जा सके, नियत स्थान पर प्रसाधन हेतु शौचालय निर्माण कार्य एवं देवगुड़ी परिसर को चैनलिंक मेष तार फैसिंग कार्य कराये जा रहे है। देवगुड़ी कायाकल्प कार्य निर्माण कार्य ही नही अपितु यह ग्रामवासियों के सामाजिक, व्यवहारिक जीवनशैली में भी अप्रतिम परिवर्तन लायेगा। जिले में 76 देवगुडि़यों का कायाकल्प हो चुका है, शेष देवगुडि़यों का कायाकल्प कार्यप्रगती पर है। देवगुड़ी कायाकल्प कार्य पूर्ण होने के उपरांत सभी ग्रामवासी किरिया (संकल्प) लेंगे कि उनके ग्राम पंचायत में बिन्दुओं का सूचकांक-एनिमिया मुक्त, गंदगी मुक्त पंचायत, कुपोषण मुक्त, मलेरिया मुक्त, 100 प्रतिशत् स्कूली बच्चों का शाला में नामांकन, 100 प्रतिशत् गर्भवती महिलाआंे का संस्थागत प्रसव एवं शत्-प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण एवं आंगनबाड़ी प्रवेष्श जैसे 07 बिन्दुओं के प्रदर्शन के आधार पर श्रेणी तैयार किया जायेगा।
उत्कृष्ठ कार्य करने वाली ग्राम पंचायतो का श्रेणीकरण किया जावेगा जिसमें प्रथम स्थान 100-91 अंक के बीच हरा रंग, द्वितीय स्थान 90-75 अंक के बीच पीला रंग तथा तृतीय स्थान 75 अंक से नीचे प्रदर्शन रहने पर सफेद रंग से चिन्हांकित किया जायेगा। उपरोक्त सूचकांको में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले पंचायतों को जिला प्रशासन की तरफ से हर कार्य में प्राथमिकता दी जावेगी। जिससे कम श्रेणी प्राप्त करने वाले पंचायत भी उक्त सूचनकांको की प्राप्ति हेतु अच्छा प्रदर्शन करने की जिज्ञासा उत्पन्न होगी। इस प्रकार ग्राम पंचायतों में ही आपस में श्रेष्ठता प्राप्त करने हेतु प्रतिस्पर्धा का वातावरण निर्मित होगा। जिससे इन सूचकांको में हमारा जिला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा। और इस प्रकार हमारा जिला स्वच्छता, स्वास्थ्य में समृद्धशाली बन सकेगा और गढ़बो नवा दन्तेवाड़ा का संकल्प साकार हो सकेगा।