आशा कुमारी चंबा के पूर्व शाही परिवार से आती हैं और वह 1985 में पहली बार विजयी हुई थीं. उसके बाद वह 1993, 1998, 2003, 2012 और 2017 में पुन: निर्वाचित हुईं.

शिमला: हिमाचल प्रदेश की बहुचर्चित डलहौजी सीट पर छह बार की कांग्रेस विधायक आशा कुमारी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार डी. एस. ठाकुर से पीछे चल रही हैं. खबर लिखे जाने तक यह जानकारी निर्वाचन आयोग के आंकड़ों से मिली है. कांग्रेस के विधानसभा चुनाव जीतने की स्थिति में आशा कुमारी मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों में एक हैं.

चंबा जिले की डलहौजी सीट उस समय चर्चा में आई थी जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सहयोगी हर्ष महाजन भाजपा में शामिल हो गए थे और अपनी प्रतिद्वंद्वी आशा कुमारी के लिए स्थिति प्रतिकूल बना दी.

ठाकुर के प्रति उनके समर्थन से भाजपा को मजबूती मिली, जो पहाड़ी राज्य में सत्ता पर पकड़ बरकरार रखने के लिए प्रयासरत है.

हर्ष महाजन पूर्व कांग्रेस नेता देसराज महाजन के बेटे हैं, जो दो बार विधानसभा अध्यक्ष रहे और तीन बार डलहौजी सीट से विजयी हुए थे.

डलहौजी निर्वाचन क्षेत्र में ग्रामीण मतदाताओं की खासी संख्या (89.78 प्रतिशत) है. यहां चुनाव में खराब सड़कें, स्वास्थ्य सुविधाओं और शैक्षणिक संस्थानों की कमी प्रमुख चुनावी मुद्दे थे.

आशा कुमारी चंबा के पूर्व शाही परिवार से आती हैं और वह 1985 में पहली बार विजयी हुई थीं. उसके बाद वह 1993, 1998, 2003, 2012 और 2017 में पुन: निर्वाचित हुईं.

पंजाब की पूर्व कांग्रेस प्रभारी और पूर्व मंत्री आशा कुमारी ने 2012 में भाजपा प्रतिद्वंद्वी रेणु चड्डा को 7,365 मतों के अंतर से हराया था, लेकिन 2017 में ठाकुर के खिलाफ उनकी जीत का अंतर महज 556 मतों का रह गया था.

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