साल 2024 का यह अंतिम सप्ताह है। वहीं साल के अंत और नए साल के शुरुआत से पहले बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है। केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा समेत अन्य राज्यों से भी भक्त अनेक मनोकामना लेकर माता के दरबार पहुंच रहे हैं। फागुन मेला, चैत्र और शारदीय नवरात्र के बाद दिसंबर और जनवरी के महीने में सबसे ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैं। वहीं माता के मंदिर में देवी दर्शन के लिए गर्भगृह से लेकर मंदिर के बाहर तक की जबरदस्त भीड़ है। लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ है। भक्तों का कहना है कि माता जी सबकी मुराद पूरी करतीं हैं। जानिए किसने क्या कहा ? मेरा नाम चंद्रकला है। कर्नाटक की रहने वाली हूं। दंतेवाड़ा पहली बार आई हूं। बस्तर की मां दंतेश्वरी के चमत्कार के बारे में मैंने बहुत कुछ सुना था। बस्तर दशहरा के बारे में भी सुने थे। वर्ल्ड में फेसम है, इसलिए दर्शन करने की जिज्ञासा थी, अब मौका मिला तो अपने परिवार के साथ आज दर्शन करने के लिए यहां आई हुई हूं। रायपुर से बस्तर पहुंचे भक्त मेरा नाम गोपाल वर्मा है। मैं रायपुर का रहने वाला हूं। रेलवे में काम करता हूं। माता के प्रति सच्ची आस्था है, इसलिए तीसरी बार दंतेवाड़ा आया हूं। माता के दर्शन किया हूं। मां सबकी मुराद पूरी करतीं हैं। मेरी मन्नत भी मां दंतेश्वरी ने पूरी की है। जब भी मौका मिले बार-बार यहां आऊंगा। दुकानदार बोले- अच्छी आमदनी मंदिर के बाहर दुकान लगाने वालों का कहना है कि नवरात्र के बाद दिसंबर और जनवरी का ही महीना ऐसा होता है कि यहां सैकड़ों भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में दुकानों में भी अच्छी भीड़ होती है। नारियल और प्रसाद के अलावा अन्य पूजा सामाग्री भी भक्त खरीदते हैं। इस बार भी अब तक आमदनी अच्छी हुई है। एक क्लिक में देखे जानकारी बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर के बारे में अब भक्तों को एक क्लिक पर पूरी जानकारी मिल रही है। जिला प्रशासन और मंदिर समिति ने एक क्यूआर कोड जारी किया है। इसे मोबाइल से स्कैन करते ही एक ड्राइव खोल भक्त मंदिर से जुड़ी जानकारी ऑडियो के जरिए सुन रहे हैं। भक्तों ने इस नए प्रयोग की सराहना की है। ऐसे पहुंच सकते हैं मंदिर दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय में माता का मंदिर है। अगर कोई भक्त रायपुर से माता के दरबार आना चाहता है तो सड़क मार्ग से करीब 400 किमी की दूरी तय करनी होगी। रायपुर के बाद धमतरी, कांकेर, कोंडागांव और अंतिम बस्तर (जगदलपुर) जिले की सरहद पार कर दंतेवाड़ा पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा हैदराबाद से भक्त फ्लाइट से जगदलपुर और फिर वहां से सड़क मार्ग के सहारे दंतेवाड़ा पहुंच सकते हैं। ओडिशा, तेलंगाना, और महाराष्ट्र के भक्तों के लिए भी राह आसान है। ओडिशा के भक्त पहले जगदलपुर, तेलंगाना के सुकमा और महाराष्ट्र के बीजापुर जिला होते हुए सीधे दंतेवाड़ा पहुंच सकते हैं। ये तीनों जिले दंतेवाड़ा के पड़ोसी जिले हैं।