प्रदेश का सबसे बड़ा क्रोकोडायल पार्क जांजगीर-चांपा जिले के कोटमीसोनार गांव में है। इस सेंटर को गांव के मुड़ा तालाब में बनाया है। वर्तमान यह 360 से अधिक मगरमच्छों का प्राकृतिक रहवास सेंटर है। वर्तमान में क्षेत्र का तापमान 10 डिग्री तक पहुंच रहा है। यही कारण के मुड़ातालाब के आईलैंड में सुबह बड़ी संख्या मगरमच्छ धूप सेंकने के लिए बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में ये तालाब में आसानी से नजर आ जा रहे हैं। इन्हें देखने के लिए पर्यटकों की संख्या में भी खासा इजाफा हुआ है। जनवरी के 18 दिन में ही 12600 पर्यटक इन्हें देखने पहुंच चुके हैं। इसमें 300 बच्चे शामिल हैं। क्रोकोडायल पार्क के प्रबंधक अजय राठौर ने बताया कि मगरमच्छों के शरीर में तापमान नियंत्रण की क्षमता नहीं होती है, इसलिए वे अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए धूप का उपयोग करते हैं। उन्होंने बताया कि कोटमीसोनार गांव में पाए जाने वाले मगरमच्छ स्वच्छ जलीय प्रजाति के हैं। इस प्रजाति के मगरमच्छ मीठे पानी वाली नदियों, झीलों व मानव निर्मित तालाबों, नहरों और कुंओं में रहना ज्यादा पसंद करते हैं। इनके लिए 5 मीटर से अधिक गहरा तालाब नहीं होना चाहिए। गर्मी के दिनों में गर्मी से बचने के लिए ये स्वयं को दलदली स्थानों के कीचड़ में दबाए रखते हैं। जब कि ठंडी के मौसम में ये धूप में निकल आते हैं। ऐसे पहुंच सकते हैं कोटमीसोनार क्रोकोडायल पार्क : अकलतरा से 10 किमी और जिला मुख्यालय से लगभग 35 किमी में दूरी पर है। रेल मार्ग पर अकलतरा या कोटमीसोनार स्टेशन हैं। कोटमीसोनार में एनर्जी पार्क, साइंस पार्क व प्रोजेक्टरयुक्त आडिटोरियम स्थित है। बिलासपुर से दूरी 29 किमी व रायपुर से 149 किमी है।