महिला बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से जिला बाल संरक्षण अधिकारी के निर्देशन में सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज सी-3 द्वारा, कन्या आवासीय पोटा केबिन गुमड़ा के 200 से ज्यादा किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के निदान हेतु काउंसलिंग सत्र का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम ¼ RKSK ½ के तहत जिला अस्पताल में संचालित किशोर मैत्री स्वास्थ्य क्लिनिक के परामर्शदाता श्रीमती शांति भोगामी एवं श्रीमती कुसुम के द्वारा किशोरी बालिकाओं में रिप्रोडक्टिव हेल्थ, माहवारी से जुड़ी समस्या, मानसिक एकाग्रता एवं माहवारी स्वास्थ्य प्रबंधन से जुड़े समस्याओं के लिए किशोरी बालिकाओं का समूह एवं वन टू वन काउंसलिंग किया गया, इस दौरान बहुत से बालिकाओं ने माहवारी चिकित्सीय परामर्श एवं जाँच से वंचित होने की बात को स्वीकारा एवं काउंसलिंग प्रोग्राम की सराहना भी की । साथ ही महिला बाल विकास विभाग नवा बिहान प्रोग्राम के संरक्षण अधिकारी श्रीमती मनीषा ठाकुर द्वारा किशोरी बालिकाओं को घरेलू हिंसा से बच्चों के मनोस्थिति एवं स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में चर्चा किया गया । सी-3 जिला समन्वयक विनोद साहू द्वारा बताया गया की इसके पूर्व शासकीय हाई स्कूल दंतेवाड़ा में भी 200 से ज्यादा किशोर बालिकाओं का काउंसलिंग किया गया है। किशोर मैत्री स्वास्थ्य क्लिनिक से आये काउंसलर द्वारा विद्यालय के बालिकाओं को बताया गया की मासिक धर्म यानी माहवारी बालिकाओं के जीवन का अभिन्न अंग है । इस बारे में खुल कर बात करना जरूरी है ।ताकि यह विषय दुनिया के लिए अस्पृश्य न रह कर सामान्य ज्ञान की श्रेणी में आ सके । अभी भी लाखों लोग माहवारी को समाज में अस्पृश्य विषय मान कर इस पर बात करने में असहज महसूस करते है । इसके लिए सबसे पहले लैंगिक भेद मिटाना जरूरी है साथ ही किशोर बालिकाओं के नियमित शिक्षा के साथ-साथ मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता को भी शिक्षा में शामिल करना आवश्यक है क्योंकि किशोर बालिकाओं को इस दौरान जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है । काउंसलिंग कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण कार्यालय के कर्मचारी सुश्री ममता ठाकुर, श्रीमती कविता गुप्ता, जिला समन्वयक बापी न उवाट प्रोग्राम सुश्री भुवनेश्वरी ठाकुर, चाइल्ड लाइन से सुश्री अंजली, पोटा केबिन के अधीक्षिका एवं शिक्षक उपस्थित रहे।