प्रदेश के ग्राहक अब अपने हक के लिए जागरूक होते जा रहे हैं। यही वजह है कि सेवा या उत्पाद में महज 5 रुपए की ठगी से लेकर 1 करोड़ तक के लिए ग्राहक उपभोक्ता फोरम में जा रहे हैं। भले ही अपना हक पाने के लिए उन्हें 5 पांच साल लड़ना पड़े, पर वो पीछे नहीं हट रहे। इस तरह के ताजा उदाहरण डी मार्ट के खिलाफ दिया गया फैसला है। डी मार्ट और बिग बाजार ने करीब पांच साल पहले 2019 में दो अलग-अलग ग्राहकों की मर्जी के खिलाफ झोला दे दिया और क्रमश: 5 और 6 रुपए उसकी ​कीमत बिल में जोड़ ली। ग्राहकों ने फोरम में केस दायर किया और मुकदमा जीत भी लिया। ऐसे केस मिसाल बनकर उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग कर रहे हैं। घर बैठे अर्जी: ई-फाइलिंग से दायर कर सकते हैं केस : उपभोक्ता के नुकसान के आधार पर भी शिकायत की जाती है। अगर नुकसान 50 लाख रुपए से कम का है तो जिला फोरम में, 50 लाख से 2 करोड़ रुपए के नुकसान पर राज्य आयोग में। अगर नुकसान 2 करोड़ रुपए से ज्यादा है तो राष्ट्रीय आयोग पर शिकायत दर्ज होती है। वर्तमान में ऑनलाइन शॉपिंग में होने वाले धोखाधड़ी पर रोक लगाने ई-कॉमर्स रूल्स भी आए हैं। अब ई फाइलिंग भी शुरू हो गई है। कोई भी गांव या शहर में घर में बैठकर ई-फाइलिंग के माध्यम से मामला दर्ज करा सकता है। इसके विपरीत भी उपभोक्ताओं को विभिन्न तरह के झूठ और धोखाधड़ी के मामलों में न्याय दिलाने वाली छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता प्रतिषोद आयोग और जिला उपभोक्ता फोरम में लोग न्याय के लिए सालों से भटक रहे हैं। नियम के अनुसार तो यहां जो मामले आते हैं, उन्हें 90 दिन में निपटाना है। लेकिन कई मामले 10 साल से लंबित हैं। केस लंबित होने की वजह प्रदेश के 21 जिला उपभोक्ता फोरम में 7 में अध्यक्ष ही नहीं हैं। विभिन्न जिलों में सदस्य के भी 17 पद खाली हैं। कपड़ा लौटाने पर 960 रु. नहीं दिए, फोरम ने दिलाए रायपुर निवासी गायत्री साहू ने साल 2019 में लाखे नगर स्थित सुरभि किड्स सूट से अपने बच्चे के लिए 5,116 रुपए में ड्रेस खरीदी थी। अगले दिन उसने एक ड्रेस वापस कर बदले में दूसरी ली। इस दौरान 960 रुपए दुकान में जमा रह गए। दुकानदार ने एक कैश रिफंड रसीद दी। कहा कि आज धनतेरस है, आप पैसे दिवाली के बाद आकर ले जाना। जब दिवाली बाद भी दुकानदार ने ड्रेस लेने को मजबूर किया। तो ग्राहक उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया। उपभोक्ता फोरम ने साहू को 960 रुपए 6 फीसदी वार्षिक ब्याज के साथ वापस करने का आदेश दिया। 5 हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है। शॉल गुमाई, पैसे भी रिफंड नहीं किए पार्थ सारथी दत्ता ने मई 2023 में अवंति विहार स्थित न्यू दत्ता ड्राइक्लीनर्स में कुछ कपड़े ड्राइक्लीनिंग के लिए दिए थे। दुकान से सभी कपड़े तो मिले, लेकिन करीब साढ़े 4 हजार रुपए का पशमीना शॉल नहीं लौटाया। परेशान होकर ग्राहक ने शॉल की कीमत मांगी, तो दुकानदार ने दुर्व्यवहार करते हुए पैसे देने से मना कर दिया। तब उपभोक्ता फोरम 45 दिन के अंदर परिवादी के गुम हुए शॉल के 4 हजार रुपए 6 फीसदी वार्षिक ब्याज के साथ वापस करने का आदेश दिया। कोचिंग की बाकी फीस नहीं लौटाई रायपुर निवासी भाविन जैन ने 2013 में अपनी बेटी को सीए के लिए एक्सल कोचिंग में भर्ती कराया। दो ग्रुप की परीक्षा के लिए एक साथ पैसे देने पर छात्रा को पैकेज में छूट मिल रही थी। इसलिए दोनों के पैसे एक साथ दे दिए, लेकिन जब पेपर-1 में उनकी बेटी फेल हुई, तो दूसरे पेपर की कोचिंग की बकाया राशि मांगी। कोचिंग वालों ने इसे नियम के खिलाफ बताकर पैसे नहीं लौटाए। तब जिला उपभोक्ता फोरम में मामला दायर किया। कोचिंग संस्था का दावा था कि उनकी संस्था उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत नहीं आती। फोरम ने इस दलील को ठुकरा दिया। साथ ही ग्रुप-2 की कोचिंग की बकाया राशि 12600 रुपए 6 फीसदी वार्षिक ब्याज के साथ वापस करने का आदेश दिया।

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