विक्रमादित्य सिंह की पत्नी सुदर्शन सिंह चूंडावत ने अपनी शिकायत में शिमला विधायक, प्रतिभा सिंह, ननद अपराजिता और देवर अंगद सिंह पर घरेलू हिंसा और उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
उदयपुर/शिमला:
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह को एक घरेलू हिंसा मामले में पूछताछ के लिए तलब किया गया है. यह मामला विक्रमादित्य की अलग रह रही पत्नी की ओर से दायर किया गया है.
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह शिमला से विधायक हैं.
विक्रमादित्य सिंह की पत्नी सुदर्शन सिंह चूंडावत ने अपनी शिकायत में शिमला विधायक, प्रतिभा सिंह, ननद अपराजिता और देवर अंगद सिंह पर घरेलू हिंसा और उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
हिमाचल प्रदेश में पार्टी की जीत के बाद प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा था. उनके पति वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के कद्दावर नेता थे. प्रतिभा सिंह को पिछले साल उनके पति के निधन के बाद उनके निर्वाचन क्षेत्र मंडी से लोकसभा सांसद चुना गया था.
एक अन्य मामले में सुदर्शन सिंह चूंडावत ने विक्रमादित्य सिंह से भरण-पोषण की मांग की है.
राजस्थान के उदयपुर की रहने वाली चुंडावत ने अपने पति पर चंडीगढ़ की एक महिला आमरीन के साथ संबंधों का आरोप भी लगाया है.
उन्होंने दावा किया कि विक्रमादित्य ने उन पर नजर रखने के लिए उनके कमरे में सीसीटीवी कैमरे लगाए थे.
उन्हें जनवरी में उदयपुर की एक कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है, जबकि दूसरे मामले में (जिसमें चुंडावत ने भरण-पोषण की मांग की है) केवल विक्रमादित्य को एक फैमिली कोर्ट में तलब किया गया है.
विक्रमादित्य और सुदर्शन की शादी मार्च 2019 में हुई थी. सुदर्शन ने आरोप लगाया कि विक्रमादित्य ने अपने पिता वीरभद्र सिंह के निधन के बाद उसे अपने मायके उदयपुर लौटने के लिए कहा था. उसने कहा कि उसने उससे 10 करोड़ रुपये कैश भी मांगे थे.
गैर-जमानती वारंट जारी होने की कुछ सोशल मीडिया पोस्ट के वायरल होने के बाद विक्रमादित्य सिंह ने बयान जारी कर कहा था कि उनके और उनके परिवार के खिलाफ कोई वारंट जारी नहीं हुआ है. उन्होंने वीडियो में कहा था, “हमारी ओर से कोई गलती नहीं हुई है, इसलिए हमारे खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी होने का कोई सवाल ही नहीं है.”
उन्होंने साथ ही कहा, “यह एक निजी मामला है. मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता और चाहता हूं कि इस मुद्दे को कोर्ट में मध्यस्थता के जरिए हल किया जाए.”