त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण समाप्त करने के विरोध में सरगुजा कांग्रेस कमेटी ने धरना दिया। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रदेश में सर्वाधिक आबादी वाले वर्ग का आरक्षण साजिश के तहत समाप्त किया गया है। पूर्व में पंचायत चुनावों में ओबीसी वर्ग को आरक्षण मिलता था, इसे भाजपा ने साजिश के तहत समाप्त कर दिया है। श्रम आयोग के पूर्व अध्यक्ष शफी अहमद ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि 3 दिसंबर 2024 के अधिसूचना के द्वारा प्रदेश की भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में जिला एवं जनपद सदस्य के पदों पर आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत तय कर दिया है। पुरानी व्यवस्था के अंतर्गत पांचवी अनुसूची वाले जिलों में आरक्षण सीमा को बढ़ाकर अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में जनप्रतिनिधित्व का न्यायोचित अवसर दिया जाता था। इसे भाजपा ने समाप्त कर दिया है। सभी वर्ग के आरक्षण को समाप्त करने की साजिश
20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के पूर्व उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने कहा कि अब यह साबित हो चुका है कि भाजपा ईवीएम के माध्यम से सरकार बनाती है। भाजपा अब देश के आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों को मिले आरक्षण को समाप्त करने में जुट गई है। शुरुआत ओबीसी आरक्षण से हुई है लेकिन भजपाई जल्द ही आदिवासियों और दलितों के आरक्षण को भी समाप्त कर देगी। आदिवासियों के आरक्षण पर भी खतरा
निवर्तमान महापौर अजय तिर्की ने कहा कि जो वर्ग प्रदेश की आबादी में 50 प्रतिशत से अधिक का हिस्सा है, उसकी राजनीतिक भागीदारी को भाजपा समाप्त कर रही है। उन्होंने कहा कि में आशंकित हूँ कि भजपाई आगे आदिवासियों के आरक्षण पर भी हमला करेंगे। कुलीन वर्ग को मौैका देना चाहती है भाजपा
कांग्रेस जिलाअध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा कि भाजपा कुलीन वर्ग से बनी और उनको राजनीतिक प्रमुखता देने वाली पार्टी है। वह पार्टी में मौजूद कुलीन वर्ग के नेताओं और उनके परिजनों को मौका देने के लिये त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को समाप्त कर रही है। यह ओबीसी वर्ग के खिलाफ साजिश है। सभा को लक्ष्मी गुप्ता, बालेश्वर राजवाड़े, मुनेश्वर राजवाड़े, मदन जायसवाल, सीमा सोनी, गीता रजक, अनिमा केरकेट्टा, दीपक मिश्रा, लवकेश पासवान, सतीश बारी, आशीष जायसवाल, आतिश शुक्ला, मिथुन सिंह, विवेक पैकरा, सुनीता पैकरा,हेमंत सिन्हा आदि ने संबोधित किया। सभा के अंत में राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा गया। इस दौरान बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ ही पिछड़े और आदिवासी समाज के नागरिक भी मौजूद थे।