साय सरकार में हरियाणा की तर्ज पर 14 मंत्री बनाए जाने की अटकलों पर पूर्व पीसीसी अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने कहा कि सरकार बनने के साल भर बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पाया। इनके बीच मनमुटाव की स्थिति है। पहले 13 मंत्रियों का कोटा पूरा करें, फिर 14 मंत्री बनाने की सोचें। इस समय प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत कुल 11 मंत्री हैं। शपथ ग्रहण के समय 12 और फिर विस्तार के बाद 13 मंत्री बनाए जाने के कयास लग रहे थे। ऐसे में 1 साल का समय बीत गया, लेकिन मंत्री मंडल का विस्तार नहीं हो पाया। लेकिन अब हरियाणा फॉर्मूला लागू किए जाने की चर्चा है। वहीं बीजेपी मंडल अध्यक्ष के चयन में बीजेपी के भीतर विरोध को लेकर साहू ने कहा कि बीजेपी के भीतर प्रजातंत्र नहीं है। बड़े और प्रभावशील नेता की पसंद थोपी जा रही है। कार्यकर्ताओं को अपना नेता चुनने का अधिकार नहीं है। और पूरे प्रदेश से आ रही शिकायत यही बता रही है। क्या है हरियाणा फॉर्मूला छत्तीसगढ़ की तरह हरियाणा में भी 90 विधानसभा की सीटें हैं। वहां बीजेपी की सरकार में 14 मंत्री बनाए गए हैं। नियमों के मुताबिक प्रदेश की कुल विधानसभा सीटों के 15 फीसदी विधायकों को मंत्री पद दिया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में ये आंकड़ा 13.5 प्रतिशत आता है। इसलिए अब तक 13 मंत्री बनाए जाने की परंपरा रही है। लेकिन हरियाणा फॉर्मूला लागू किए जाने के बाद 3 और मंत्री बनाए जा सकते हैं। जिससे प्रदेश में 14 मंत्री होंगे। बीजेपी बोली अपनी पार्टी के भीतर देखें कांग्रेस नेता धनेन्द्र साहू के बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता केदार गुप्ता का कहना है कि देश के सभी राज्यों में बीजेपी की सरकार व्यवस्थित ढंग से चल रही है। पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरे देश की सेवा कर रही है। छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय के नेतृत्व में मंत्रिमंडल अच्छा चल रहा है। आप देखिए कहां थे और कहां आ गए। उन्होंने कहा कि आपसी कलह बीजेपी में नहीं होती। धनेन्द्र साहू को ये सलाह भूपेश बघेल और दीपक बैज को देनी चाहिए।

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