कांग्रेस के चिंतन शिविर के उद्घाटन भाषण में सोनिया गांधी ने पार्टी नेताओं के सामने लक्षमण रेखा खींचते हुए कहा कि यहां आप चाहे कुछ भी कहें, लेकिन बाहर एक ही संदेश जाए कि हम एक संगठन हैं।

आप यहां खुलकर अपनी बात रखने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन बार यही संदेश जाना चाहिए कि संगठन एक है। कांग्रेस के चिंतन शिविर के उद्घाटन भाषण में सोनिया गांधी ने अनुशासन की लक्ष्मण रेखा खींचते हुए पार्टी के नेताओं से कर्ज उतारने की अपील की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हम सभी को बहुत कुछ दिया है और अब उसका कर्ज लौटाने की बारी है। सोनिया गांधी ने कहा कि हमें यह करना होगा कि यहां से जब निकलें तो नई ऊर्जा, नई प्रतिबद्धता और प्रेरणा के साथ निकलेंगे।

उन्होंने कहा कि देश की जनता को एक बार फिर से कांग्रेस से बड़ी उम्मीदें हैं और हमें उनको पूरा करने दिखाना होगा। सोनिया गांधी ने इस दौरान मोदी सरकार पर भी तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आज मुस्लिमों पर देश भर में अत्याचार हो रहे हैं। वे भी बराबर के शहरी हैं और उन्हें भी समान अधिकार हैं। उन्होंने कहा कि कमजोर वर्ग के लोग आज उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। खासतौर पर दलितों को सजा दी जा रही है।

सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार के राज में देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है और नोटबंदी के बाद से ही लगातार गिरावट का दौर जारी है। उन्होंने कहा कि लोग अब यह मान चुके हैं कि हमें नौकरियां नहीं मिलने वाली हैं। निजीकरण की पॉलिसी पर सवाल उठाते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि एक तरफ नए रोजगार के अवसर पैदा नहीं किए जा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ लोगों के कल्याण और विकास में योगदान के लिए बनी सरकारी कंपनियों को बेचा जा रहा है।

सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार के देश की आर्थिक स्थिति बदहाल हो गई। बड़े पैमाने पर लोग बेरोजगार हुए हैं और यूपीए सरकार की स्कीमों से ही उन्हें बचाया जा सका है। उन्होंने कहा कि मैं यहां खासतौर पर दो स्कीमों का नाम लेना चाहूंगी- मनरेगा और खाद्य सुरक्षा कानून। सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर के उद्घाटन भाषण में कहा कि आज देश अलग हालातों में है। मुस्लिमों पर हमले किए जा रहे हैं, जो बराबर के शहरी हैं और समान अधिकार रखते हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के हत्यारों का महिमामंडन किया जा रहा है। आज संवैधानिक संस्थाओं के सामने बड़ा खतरा पैदा हो गया है।

सोनिया गांधी से पहले अशोक गहलोत ने स्वागत भाषण में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जब चुनाव नजदीक आते हैं तो ये बवाल कराने लगते हैं। उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में चुनाव आने वाले होते हैं, वहीं दंगे होते हैं। उन्होंने कहा कि हम काम बहुत करते हैं, लेकिन कभी मार्केटिंग नहीं करते। गहलोत ने कहा कि ये लोग गुजरात मॉडल जैसी बातें करते हैं, लेकिन काम नहीं करते।

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