मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोक भवन में 260.02 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई पुलिस की 144 आवासीय और अनावासीय परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इस दौरान पिछली सरकारों पर हमला भी किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोक भवन में 260.02 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुई पुलिस की 144 आवासीय और अनावासीय परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इस अवसर पर पुलिस वालों को संबोधित करते हुए कहा कि पांच साल पहले उत्तर प्रदेश की गिनती देश के बीमारू राज्यों में होती थी। विकास की कोई सोच नहीं थी। कानून-व्यवस्था बदतर थी। आज यूपी की कानून-व्यवस्था पूरे देश के लिए एक नजीर है। सरकार ने पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 6000 हजार करोड़ रुपये का बजट दिया तो 1.62 लाख पुलिस कर्मियों की भर्ती भी की।

उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस दुनिया का सबसे बड़ा पुलिस बल है, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने इसके आधुनिकरण की दिशा में कोई कार्य नहीं किया बल्कि प्रदेश में पीएसी की 54 कंपनी समाप्त कर दी थी। प्रदेश में एक भी महिला बटालियन नहीं थी और एसडीआरएफ का गठन तक नहीं किया गया। हमारी सरकार ने प्रदेश में विशेष सुरक्षा बल (एसएसएफ) के अलावा तीन महिला बटालियन और एसडीआरएफ की तीन बटालियन का गठन किया।

धूल से सनी फाइलों का ढेर था 

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में सरकार बनने के बाद जब उन्होंने 20 मार्च को गृह विभाग का निरीक्षण किया तो धूल से सनी फाइलों का ढेर था। इसके बाद सरकार ने पुलिस के आधुनिकीकरण की दिशा में कदम बढ़ाया और इसके लिए 6000 करोड़ रुपये का बजट जारी किया।

इससे सेफ सिटी और सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट को बढ़ावा मिला। उन्होंने कहा कि 25 करोड़ की आबादी के हिसाब से प्रदेश में डेढ़ लाख पुलिस बल की कमी थी। हमारी सरकार ने भर्तियां करने के साथ उन्हें अच्छी ट्रेनिंग भी दी।

यूपी की कानून व्यवस्था बनी चुनावी मुद्दा

यूपी पुलिस की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल की वजह से हमेशा सरकारें कटघरे में खड़ी रहती थीं लेकिन देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी प्रदेश की अच्छी कानून व्यवस्था चुनाव में मुद्दा बनी। बेहतर कानून-व्यवस्था की वजह से सरकार को जनता का समर्थन मिला। देश भर के उद्यमियों और व्यपारियों ने बेहतर कानून व्यवस्था की वजह से प्रदेश में चार लाख करोड़ रुपये का निवेश किया।

उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतरवाना कोई साधारण काम नहीं था लेकिन यूपी पुलिस ने करके दिखाया। अब सड़कों पर जुलूस और धार्मिक कार्यक्रम नहीं होते हैं। पुलिस की अपराधियों में धमक बढ़ी है, लेकिन पुलिस को सामान्य जन में सम्मान और विश्वास की भावना को और बढ़ाने की जरूरत है।

ब्रिटिशकालीन छवि से बाहर निकले पुलिस 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आजादी का अमृत महोत्सव शानदार तरीके से मनाया है। पुलिस की भी उस में बड़ी भूमिका रही है। पूरे देश में यूपी के मॉडल को सराहा जा रहा है। हमें टेक्नोलॉजी सेवी होने के साथ ही मानवीय संवेदनाओं को बढ़ाना है। ब्रिटिश पुलिस की छवि से बाहर निकलकर भारतीय और यूपी पुलिस की छवि बनाकर देश की सबसे बड़ी ताकत बनना है।

कार्यालयों पर आने वाले व्यक्ति को सम्मान देते हुए उससे संवाद करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवैध बस स्टैंड, टैक्सी स्टैंड चल रहे थे जिन पर अब प्रतिबंध लगा है। अवैध और अनैतिक कार्य करने वालों के दिलों में पुलिस को लेकर डर बना है। हर चौराहे पर पुलिसकर्मी दिखाई देते हैं।

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