Chhattisgarh News: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 5 वर्ष पहले 14 नवम्बर के दिन पद यात्रा कर डोंगरगढ़ विधानसभा के ग्राम बेलगांव पहुंचे थे। तब उन्होंने वादा किया था कि वे फिर से जरूर आएंगे। अपना वादा पूरा करते हुए सीएम मंगलवार को फिर इस गांव पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ग्रामीण से मुलाकात भी की।
रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार को ‘भेंट-मुलाकात’ कार्यक्रम के तहत राजनांदगांव जिला के डोंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के बेलगांव पहुंचे थे। यहां सीएम का एक अलग भी अंदाज देखने को मिला। जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हैलीपैड से कार से निकले इसी दौरान आगे स्कूली बच्चों को जाते देखा। उन्होंने अपना काफिला रोककर उन बच्चों से मुलाकात की। बच्चों से उनके पढ़ाई को लेकर भी बातचीत की। प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर स्कूली बच्चे भी खुश नजर आए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 5 वर्ष पहले 14 नवम्बर के दिन पद यात्रा कर डोंगरगढ़ विधानसभा के ग्राम बेलगांव पहुंचे थे। तब उन्होंने वादा किया था कि वे फिर से जरूर आएंगे। जब वे बेलगांव पहुंचे, तो उन्होंने पुरानी बात याद करते हुए कहा कि उन्होंने आज अपना वादा निभाया है। मुख्यमंत्री ने आम जनता से पैरादान करने की अपील करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन ने गौठान निर्मित कर गौमाता और पशुधन के लिए पानी और छांव की व्यवस्था सुरक्षित की है अब पैरा दान के माध्यम से एक कदम बढ़ाने की जिम्मेदारी आपकी है।
पैराधान से बचा सकते हैं प्रदूषण
सीएम भूपेश बघेल ने कहा- किसानों की संपत्ति उसकी कृषि उपज है इसलिए धान के कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के हर किसान अवश्य पैरादान करें। उन्होंने दिल्ली पंजाब और हरियाणा का उदाहरण देते हुए कहा उन क्षेत्रों में पराली के जलाने के कारण काफी प्रदूषण हुआ है। पैरादान कर हम ऐसे प्रदूषण से बच सकते हैं और पशुओं को चारा भी उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि इसके लिए हमने गौठान समिति भी बना कर रखी है।
मुख्यमंत्री भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान सहसपुर की मां पिंगलेश्वरी स्व-सहायता समूह की महिला सदस्य ने बताया कि उन्होंने अब तक 678 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बनाया है। अभी तक वर्मी उन्होंने 4 लाख 77 हज़ार रुपये का बेचा है। भण्डारपुर के दुर्जन लाल खरे ने बताया की उनके पास डेढ़ एकड़ खेत है। उसका 20 हजार रूपये का कृषि ऋण माफ हुआ।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा- किसानों की संपत्ति उसकी कृषि उपज है इसलिए धान के कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के हर किसान अवश्य पैरादान करें। उन्होंने दिल्ली पंजाब और हरियाणा का उदाहरण देते हुए कहा उन क्षेत्रों में पराली के जलाने के कारण काफी प्रदूषण हुआ है। पैरादान कर हम ऐसे प्रदूषण से बच सकते हैं और पशुओं को चारा भी उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि इसके लिए हमने गौठान समिति भी बना कर रखी है।