भाजपा में जो मेयर के लिए टिकट मांग रहे थे, वे अब पार्षद का चुनाव लड़ेंगे। भाजपा ने जिन 6 वार्डों से पार्षद की सूची जारी नहीं की थी, उनके नामों की घोषणा कर दी गई है। वार्ड 18 से अंजना बबलू कश्यप, वार्ड 30 से विनोद सोनी, वार्ड 36 से बंधू मौर्य, वार्ड 40 से दुर्गा सोनी, वार्ड 45 से वल्लभ राव और वार्ड 60 से विजय ताम्रकार को टिकट दिया गया है। ये सभी महापौर की दौड़ में शामिल थे। इधर, टिकट वितरण से नाराज असंतुष्टों को एल्डरमैन बनाए जाने का भरोसा दिलाया जा रहा है, ताकि वे िभतरघात न कर सकें। वार्ड 45 शहीद हेमू कालानी नगर में 20 साल बाद पार्षद का चेहरा बदलेगा। अब तक यहां अशोक विधानी ही पार्षद निर्वाचित हो रहे थे, लेकिन इस बार ओबीसी आरक्षण के चलते वल्लभ राव को टिकट दिया है। दोनों ही दलों के नेताओं ने ये कहा था कि पार्टी के जुझारू और जमीनी कार्यकर्ताओं को टिकट देंगे, लेकिन टिकट वितरण में ऐसा देखने को नहीं मिला। ज्यादातर वार्डों में टिकट वितरण को लेकर जमीनी कार्यकर्ताओं की पूछपरख ही नहीं की गई। इसलिए कार्यकर्ताओं में असंतोष है। वार्ड नंबर 32 से स्वर्णा शुक्ला ने आवेदन करने के बाद नाम वापस ले लिया था। इस वार्ड से पूर्व पार्षद तैयब हुसैन का सिंगल नाम शहर अध्यक्ष विजय पांडेय लेकर गए थे। दूसरे नेताओं ने भी सहमति दी थी, लेकिन बाद में पार्टी ने असद अहमद खान को टिकट दे दिया। बता दें कि तैयब पर सुसाइड करने के लिए मजबूर करने, जमीन के लिए परिवार वालों को धमकी देने जैसे आरोप लग चुके हैं। शहर अध्यक्ष विजय पांडेय के साइन से जारी लिस्ट में वार्ड नंबर 23 में जुबीन रिजवी, वार्ड 34 से गीता प्रजापति, 37 से सजरुज निशा, वार्ड 39 से किशोर घोरे, वार्ड 40 से ओम कश्यप, 44 से शबाना बेगम, वार्ड 61 से मयंक सिंह गौतम तो वार्ड 70 से सत्तारू वेंकट रामकृष्णा राव को टिकट देना बताया गया। जबकि पीसीसी के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू के हस्ताक्षर से जारी लिस्ट में इनकी बजाय दूसरे को टिकट मिलना बताया गया। इसे लेकर चर्चा रही कि शहर अध्यक्ष को जो लिस्ट मिली थी, वह बाद में रायपुर में बदल गई। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि जिसके नाम पर बी फॉर्म आएगा, उसे ही प्रत्याशी माना जाएगा। टिकट वितरण के बीच भाजपा-कांग्रेस में दावेदारों की नाराजगी अभी खुलकर सामने नहीं आई है, लेकिन कई लोग बागी होकर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैंै। पिछले चुनाव में भी कांग्रेस में खुलकर बगावत हुई थी और कई लोगों ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। सिटी रिपोर्टर | बिलासपुर सोमवार की शाम 70 वार्डों के लिए कांग्रेस में पार्षद प्रत्याशियों की सूची जारी होने के साथ ही घमासान मच गया। 2019 में पार्षद बनने वाले 10 नेताओं के टिकट कांग्रेस ने काट दिए। वार्ड नंबर 23 में बाहरी व 24 में पूर्व पार्षद को टिकट दिए जाने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज का पुतला जलाया गया। वहीं शाम को बारी-बारी से दो लिस्ट आई। इससे भी हड़कंप मचा। बिलासपुर से चयन समिति के पदाधिकारी 41 वार्डों के ही सिंगल नाम लेकर गए थे, जबकि बाकी वार्डों में दो से तीन नाम थे। लेकिन रायपुर में प्रदेश के पदाधिकारियों ने चयन समिति की सूची में काफी करेक्शन किया। जिन वार्डों में सिंगल नाम थे, वहां भी दूसरे को ​टिकट दिया। नतीजा ये हुआ कि 11 पूर्व पार्षदों के टिकट कट गए। वहीं 2019 के पहले चुनाव में जीतने वाले पार्षदों को जोड़ दें, तो यह संख्या और बढ़ जाएगी। हालांकि जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी जो वार्ड क्रमांक 52 से पार्षद बने ​थे, उन्होंने आवेदन नहीं ​दिया था। उस वार्ड से दिलीप पाटिल को टिकट मिला है। वार्ड 23 से सीताराम जायसवाल पार्षद थे, यहां से उनके परिवार को टिकट न देते हुए सुखवती सूर्यवंशी पर पार्टी ने भरोसा जताया। वार्ड 35 से प्रियंका यादव ने फिर से पार्षद बनने टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने आदेश पांडेय को टिकट दिया। पूर्व शहर अध्यक्ष सीमा पांडेय को भी मायूसी हाथ लगी। वार्ड 47 में पूर्व पार्षद विमला यादव को छोड़ पार्टी ने मोहन श्रीवास को टि​कट दिया है।

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