कोविड पर बेहद सख्त नियमों को लेकर चीन के लोगों में तीखी नाराजगी है, जिसके तहत सामूहिक लॉकडाउन, लगातार टेस्टिंग और गैर संक्रमित लोगों को भी क्वारंटाइन करने जैसे प्रावधान शामिल हैं.
बीजिंग:
देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बाद चीन के शीर्ष कोविड अधिकारियों और प्रमुख शहरों ने देश में ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ में रियायत का संकेत दिया है. गौरतलब है कि कोविड पर उन बेहद सख्त नियमों को लेकर चीन के लोगों में तीखी नाराजगी है, जिसके तहत सामूहिक लॉकडाउन, लगातार टेस्टिंग और गैर संक्रमित लोगों को भी क्वारंटाइन करने जैसे प्रावधान शामिल हैं. सख्त प्रतिबंधों को देकर राजधानी बीजिंग के अलावा शंघाई और गुआंगझू जैसे प्रमुख शहरों में प्रदर्शन देखने को मिले थे.सरकारी समाचार एजेंसी Xinhua के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग में वाइस प्रीमियर सुन चुनलान ने बुधवार को कहा कि ओमिक्रॉन संक्रमण का प्रकोप कम हो रहा है और टीकाकरण की दर में सुधार हो रहा है.
चीन की महामारी के खिलाफ नीति निर्धारण में अहम रोल रखने वाली सुन ने कहा कि देश महामारी की रोकथाम और नियंत्रण में एक नई स्थिति का सामना कर रहा है. उन्होंने अपनी ताजा टिप्पणी में जीरो कोविड नीति का जिक्र नहीं किया लेकिन संकेत दिए कि इकोनॉमी और दैनिक जीवन में गतिरोध पैदा करने वाले सख्त नियमों को जल्द ही शिथिल किया जा सकता है.गौरतलब है कि चीन के अधिकारियों ने कोविड-19 के प्रकोप और देश में महामारी की स्थिति के बिगड़ने के कारण कुछ क्षेत्रों में आंशिक लॉकडाउन लागू करने के साथ 24 नवंबर से बीजिंग और शंघाई सहित चीन के कई प्रमुख शहरों में प्रतिबंधात्मक उपायों को कड़ा कर दिया था. नए प्रतिबंधों के कारण देशभर में विरोध प्रदर्शन देखने को मिले थे.
कुछ दिन पहले भी ऐसी खबरें आ रही थीं कि चीन के अधिकारी अब इस बात पर बहस कर रहे हैं कि श में बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए Quarantin) की समयसीमा को कम किया जाना चाहिए या नहीं. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले से जुड़े लोगों का कहना था कि देश की ज़ीरो कोविड पॉलिसी के कारण चीन बाक़ी दुनिया से कटता जा रहा है. अधिकारी अब चीन पहुंचने पर क्वारेंटीन की समय-सीमा को घटाकर दो दिन होटल में और फिर पांच दिन घर पर करने की योजना बना रहे हैं. फिलहाल चीन में विदेश यात्रा से पहुंचने वाले यात्रियों के लिए 10 दिन का आइसोलेशन आवश्यक है. इसमें 7 दिन होटल रूम में बिताने होते हैं और फिर तीन दिन घर पर. घर पर भी उन लोगों को मॉनिटर किया जाता है और नियमित टेस्ट किया जाता है.