भास्कर न्यूज | दुर्गूकोंदल छत्तीसगढ़ शासन द्वारा हर साल 24 जनवरी को वंदे मातरम् दिवस मनाया जाता है। इसी के तहत हाईस्कूल आमागढ़ में शुक्रवार को वंदे मातरम् दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वंदे मातरम् गीत ज्योति नरेटी, हर्षवर्धन उइके, नवीन उइके, टिकेश्वर मंडावी, सुकेश राना प्रस्तुत किया गया। वंदे मातरम् गीत का इतिहास पर गौरी सलाम, रेणुका बढ़ाई, लीलेश्वरी पटेल ने प्रकाश डाला। उन्होंने कहा बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा संस्कृत और बांग्ला मिश्रित भाषा में रचित वंदे मातरम् एक गीत है, जिसका प्रकाशन सन 1882 में उनके उपन्यास आनंद मठ में अंतर्निहित गीत के रूप में हुआ था। इस गीत से सदियों से सुप्त भारत देश जग उठा और आधी शताब्दी तक यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरक बना रहा। चित्रकला में अभिनव साहू, पूनम घुमरा, पायल उइके ने देश की राष्ट्रीय ध्वज के साथ जन गण मन को प्रदर्शित कर वंदे मातरम् दिवस पर प्रतिभाग किया।संजय वस्त्रकार ने वंदे मातरम् गीत के इतिहास व देशप्रेम पर विचार व्यक्त किया।

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