ओपन काउंसलिंग से अतिशेष शिक्षकों की नई पदस्थापना, अब बच्चों को मिलेंगे सभी विषयों के शिक्षक

शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रत्येक बच्चे को समान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से सूरजपुर जिला प्रशासन ने शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है। जिले की कई शालाएं जहां शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रही थीं, वहीं कुछ विद्यालयों में शिक्षक आवश्यकता से अधिक पदस्थ थे।

इस असंतुलन को दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने छात्रहित को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण किया। इसके तहत जहां शिक्षक आवश्यकता से अधिक पदस्थ थे, वहां से उन्हें ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों की जरूरतमंद शालाओं में स्थानांतरित किया गया।

ओपन काउंसलिंग से तय हुई पदस्थापनाएं

इस प्रक्रिया को पूर्ण पारदर्शिता के साथ संपन्न किया गया। 1 से 3 जून 2025 तक शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, विश्रामपुर में ओपन काउंसलिंग का आयोजन किया गया। इसमें वरियता के आधार पर शिक्षकों को नई शालाएं चुनने का अवसर मिला। इससे न केवल शिक्षकों को संतोषजनक स्थान मिला, बल्कि उन स्कूलों को भी लाभ मिला जहां लंबे समय से योग्य शिक्षकों की आवश्यकता थी।

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की ओर ठोस कदम

इस युक्तियुक्तकरण से अब जिले के दूरस्थ व ग्रामीण अंचलों की शालाओं में भी सभी विषयों के शिक्षक उपलब्ध हो गए हैं। इससे बच्चों को अब गणित, विज्ञान, अंग्रेजी जैसे विषयों में भी बेहतर मार्गदर्शन मिल सकेगा।

शिक्षकों की नई और आवश्यकतानुसार पदस्थापना से जिले में शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है। यह पहल न केवल बच्चों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण प्रदान करेगी, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को संतुलित और सुदृढ़ बनाने की दिशा में भी एक सकारात्मक और दूरदर्शी प्रयास सिद्ध हो रही है।

शासन की इस पहल को शिक्षक समुदाय और अभिभावकों दोनों से सराहना मिल रही है। यह युक्तियुक्तकरण न केवल शिक्षक वितरण की समस्या का समाधान है, बल्कि यह दर्शाता है कि सही नीति और पारदर्शी प्रक्रिया से शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना संभव है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *