छत्तीसगढ़ को झारखंड से जोड़ने के लिए कन्हर नदी पर 312 मीटर लंबा पुल बनाया जा रहा है। इसका 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है और शेष काम चार महीने में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बन जाने से छत्तीसगढ़ के 20 गांवों के 40 हजार लोगों को इलाज और खरीदारी के लिए झारखंड जाने में काफी सहूलियत होगी। इस पुल को बनाने में 15.20 करोड़ रुपए खर्च होंगे। दरअसल बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सनावल क्षेत्र को झारखंड से जोड़ने के लिए पुल का काम पिछले दस सालों से चल रहा है लेकिन अब इसके निर्माण में तेजी आई है। बताते हैं कि सनावल क्षेत्र के कई गांवों के लोग रोजाना खरीदारी और इलाज के लिए नदी के उस पार स्थित झारखंड के जिला मुख्यालय गढ़वा तथा प्रखंड मुख्यालय नगर उटारी और धुरकी जाते हैं। कन्हर नदी पर इस पुल के बन जाने से सनावल से इन तीनों शहरों की दूरी काफी कम हो जाएगी। क्षेत्रवासियों को बारहों महीने निर्बाध आवागमन की सुविधा मिलेगी। अभी धौली से गढ़वा 100 किलोमीटर अभी धौली से सड़क मार्ग से गढ़वा जाने के लिए लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। पुल बनने के बाद दूरी घटकर 55 किलोमीटर रह जाएगी। सनावल क्षेत्र के लोगों को अभी नगर उटारी जाने के लिए 70 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है। पुल के कारण यह दूरी घटकर 35 किलोमीटर हो जाएगी।
12 में से पांच पियर का काम पूरा
पीडब्ल्यूडी द्वारा बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड के धौली और झारखंड के गढ़वा जिला के धुरकी प्रखंड के बालचौरा के बीच कन्हर नदी पर उच्च स्तरीय पुल बनाया जा रहा है। 8.4 मीटर चौड़े इस पुल का 5 पियर एवं 1 अबटमेंट बन गया है। शेष सात पियर एवं एक अबटमेंट में काम चल रहा है। अगले कुछ दिनों में सुपर-स्ट्रक्चर का काम पूरा हो जाएगा। इन 20 गांवों के लोग होंगे लाभान्वित
पुल बनने से झारखंड के गढ़वा, धुरकी और नगर उटारी आने-जाने वालों को फायदा होगा। साथ ही धौली, कामेश्वरनगर, झारा, कुशफर, सेमरवा, इंद्रावतीपुर, बरवाही, दोलंगी, ओरंगा, रेवतीपुर, सुंदरपुर, सुरंगपान, कुण्डपान, पिपरपान, डुगरु, पचावल, त्रिशूली, सिलाजू, उचरवा, आनंदपुर इत्यादि गांवों को बड़ी राहत मिलेगी।